पेड़ों की कटाई की अनुमति में हाई लेवल कमेटी के दखल से अयोध्या बायपास प्रोजेक्ट के कैंसिल होने के आसार

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पेड़ों की कटाई की अनुमति में हाई लेवल कमेटी के दखल से अयोध्या बायपास प्रोजेक्ट के कैंसिल होने के आसार

भोपाल। पेड़ों की कटाई में हाईलेवल कमेटी के दखल से अब अयोध्या बायपास प्रोजेक्ट अगर एक सप्ताह में प्रारंभ नहीं हुआ तो कैंसिल हो सकता है। खास बात यह है किपेड़ कटाई संबंधी उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक में इस प्रोजेक्ट से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिलने के कारण यह मामला और गहरा गया है। अब हालत यह है कि शहर के सबसे बड़ा ट्रैफिक रिलीफ प्रोजेक्ट अयोध्या बायपास का चौड़ीकरण अटक सकता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) ने सड़क का काम शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है। लेकिन पेड़ कटाई की अनुमति में हो रही देरी अब एनएचएआई को भारी पड़ने लगी है।

*कम नहीं है जुर्माना* 

इस प्रोजेक्ट में कॉन्ट्रेक्ट की शर्तें ऐसी हैं जिनके कारण पिछले करीब एक महीने से एनएचएआई पर रोजाना 9 लाख रुपए का भार पड़ रहा है। यह राशि उसे टेंडर लेने वाली कंपनी को चुकानी पड़ रही है। अब हालत यह है कि यदि अनुमति मिलने में और देर हुई तो एनएचएआई इसे निरस्त भी कर सकता है। आम तौर पर एनएचएआई शहर के भीतर के प्रोजेक्ट करता ही नहीं है, लेकिन राज्य सरकार के अनुरोध पर इस पर काम शुरू हुआ था।

क्या स्थिति है

अब एनजीटी की सख्ती और 9000 पेड़ों की कटाई की अनुमति न मिलने से काम ठप है। दिसंबर 2024 में टेंडर फाइनल हुआ। 11 अगस्त 2025 को कॉन्ट्रेक्ट हो गया। कंपनी ने कैंप आॅफिस और मशीनें खड़ी कर दीं। बिजली-पोल और पाइपलाइन शिफ्टिंग की तैयारी हो चुकी है। लेकिन अब तक एक गड्ढा भी नहीं खोदा जा सका है। दूसरी तरफ नौ हजार पेड़ों की जगह उसने जो सिटी फारेस्ट बनाने की प्लानिंग की थी वह भी अधर में है।