मीडियावाला की खबर का असर, IAS अफसर हुए कार्य मुक्त

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Bhopal : मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल अनूपपुर के जिला पंचायत के CEO, IAS अफसर हर्षल पंचोली का तबादला राज्य शासन ने मंत्रालय भोपाल कर दिया है। उन्हें वल्लभ भवन में उपसचिव बनाया गया है। तबादला आदेश मिलते ही कलेक्टर ने उन्हें ताबड़तोड़ रिलीव भी कर दिया।

इसी से समझा जा सकता है कि CEO हर्षल पंचोली को किसी ख़ास वजह से हटाया गया है। दरअसल, ये सामान्य तबादला नहीं है! इसके पीछे एक लंबे विवाद की गाथा है।

‘मीडियावाला’ में सोमवार को प्रकाशित कॉलम Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista ने ही सबसे पहले इस विवाद का खुलासा किया था।

कॉलम में प्रकाशित इस मामले की पहली किश्त में सिर्फ इशारों में कहा गया था कि कई जिलों में कलेक्टर और जिला पंचायत के CEO के बीच तनातनी होती रहती है। खासकर उन जिलों में जहां दोनों पदों पर IAS होते हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा में एक-दो बेच का अंतर होने से कोई भी झुकना नहीं चाहता! दोनों के बीच सामंजस्य न होने का कारण केंद्र और राज्य सरकार की वे योजनाएं होती है, जिसका फंड कभी CEO के अधिकार में होता है, कभी कलेक्टर के! लेकिन, बिना कलेक्टर की सहमति के इसका आवंटन नहीं हो पाता।

हमने अपने कॉलम में केवल सांकेतिक रूप से बिना अनूपपुर जिले के नाम का उल्लेख किए और ना ही अधिकारियों का नाम दिए इस विषय को उठाया था।

पिछले सप्ताह वहां प्रभारी मंत्री मीना सिंह ने विकास कार्यों की समीक्षा के लिए बड़ी बैठक आयोजित की जिसमें जिले के मंत्री भी बिसाहू लाल सिंह भी मौजूद थे। उस बैठक में प्रभारी मंत्री ने जब जिला पंचायत के CEO से खनिज विभाग में अटकी फाइलों को लेकर पूछना चाहा तो बात बढ़ गई। प्रभारी मंत्री के सवालो-जवाब से नाराज होकर CEO ने बैठक का बहिष्कार तक कर दिया।

CEO ने प्रभारी मंत्री से यह कहते हुए सनसनी फैला दी थी, कि बिना सबूतों के केवल किसी के कहने से आरोप लगाना उचित नहीं है। ( CEO का इशारा किसकी ओर था आप समझ सकते हैं) उनके ऐसे व्यवहार पर मंत्री भी ज्यादा नाराज हुई थी। उन्होंने CM से शिकायत करने की बात भी कही थी। इसके बाद भी उनका सप्ताह भर तक कुछ नहीं बिगड़ा।


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मीडिया वाला ने अपने कॉलम Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista में दूसरी बार इस मुद्दे को उठाया गया कि प्रभारी मंत्री की बैठक का बहिष्कार करने के बाद भी CEO के खिलाफ सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया। कार्रवाई तो छोड़, उनको कारण बताओ नोटिस तक नहीं दिया गया। हमारे कॉलम इस खबर को लिखने के दो-तीन दिन बाद अचानक उनका मंत्रालय भोपाल में उप सचिव पदस्थ करने का तबादला आदेश निकला और कलेक्टर ने उन्हें तत्काल रिलीव कर दिया।

इस मामले को लेकर अब अनूपपुर में तरह तरह की सियासी और प्रशासनिक चर्चाएं जारी है।