लोकतंत्र के महापर्व में मतदान का प्रतिशत बढ़ता रहे…

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5 Ex CM's Sons Are Also Candidates

लोकतंत्र के महापर्व में मतदान का प्रतिशत बढ़ता रहे…

मध्यप्रदेश में लोकतंत्र के महापर्व विधानसभा चुनाव 2023 के लिए आज यानि 17 नवंबर को मतदान का दिन है।मतदाताओं से अपील की जा रही है कि “पहले मतदान फिर जलपान”। अपील यह भी की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान करें। मध्यप्रदेश के पुनर्गठन के बाद मतदान के इतिहास पर नजर डालें तो मतदान प्रतिशत में आपातकाल के दौर में भले ही उतार आया हो, लेकिन अधिकांश समय चुनाव-दर-चुनाव मतदान के प्रतिशत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। और उम्मीद यही है कि विधानसभा चुनाव 2023 में मतदाताओं की जागरूकता मतदान प्रतिशत को 75 फीसदी से अधिक पर ले जाकर नया रिकॉर्ड बनाएगी। हालांकि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश अनुपम राजन ने मतदाताओं से शत-प्रतिशत मतदान करने की अपील की है। पर शत-प्रतिशत न सही, तब भी उम्मीद यही कि 90 फीसदी तक मतदान हो और मध्यप्रदेश के मतदाता एक मिसाल कायम करें।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने सभी मतदाताओं से लोकतन्त्र के महापर्व में अपनी सहभागिता निभाते हुए अपना मतदान करने का आह्वान किया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी मतदाताओं से मतदान करने की अपील करते हुए कहा कि 17 नवम्बर को अपने मतदान केन्द्र पर पहुँचकर शत-प्रतिशत मतदान कर भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभायें। उन्होंने कहा कि नागरिक समृद्ध लोकतांत्रिक परम्पराओं के संवाहक हैं। मतदाताओं के सक्रिय सहभागिता से ही लोकतंत्र परिष्कृत और समृद्ध बनता है। मतदान से लोकतांत्रिक परम्परा को और अधिक समृद्ध बनाने और संवैधानिक कर्त्तव्य निभाने का एक और अवसर मिला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लोकतंत्र के पर्व मध्यप्रदेश विधानसभा के निर्वाचन के लिए शुक्रवार, 17 नवंबर को मतदान होने जा रहा है। प्रदेश के नागरिक अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें। अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करें और राष्ट्रीय कर्तव्य का निर्वहन करें। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा है कि मध्यप्रदेश लोकतांत्रिक मूल्यों को हमेशा से बढ़ाने में अग्रणी रहा है। विधानसभा चुनाव में प्रदेश के पुरूष, माता, बहनें पूर्ण मनोयोग से मतदान के लिये आगे आयेंगी और कीर्तिमान बनाकर प्रदेश के गौरव में चार चांद लगायेगी।

शर्मा ने 17 नवंबर को हो रहे मतदान में स्वतंत्रतापूर्वक, निर्भीकता के साथ मतदान करने की प्रदेश के मतदाताओं से अपील की है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में पहली बार बड़ी संख्या में नव मतदाता मतदान करेंगे। मतदान लोकतंत्र का उत्सव है, यह हमें लोकतंत्र के संवर्धन और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति जागरूक होने का अवसर देता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सशक्त लोकतंत्र के लिए स्वच्छ और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया आवश्यक है और पारदर्शी चुनाव के लिए मतदाताओं का जागरूक होना जरूरी है। मैं मध्यप्रदेश के समस्त मतदाताओं से अपील करता हूं कि आप अधिक से अधिक संख्या में अपने मताधिकार का उपयोग करें और लोकतंत्र के इस पावन पर्व को सफल बनाये।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस 16 नवंबर  को मनाया जाता है। यह भारत में स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस का प्रतीक है। यही वह दिन था जब भारतीय प्रेस परिषद ने एक नैतिक प्रहरी के रूप में कार्य करना शुरू किया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रेस न केवल इस शक्तिशाली माध्यम से अपेक्षित उच्च मानकों को बनाए रखे बल्कि यह भी कि यह किसी बाहरी कारकों के प्रभाव या धमकियों से बाधित न हो। तो प्रेस परिषद और पत्रकारों की भी हर नागरिक से यही अपील है कि निर्भीक और स्वतंत्र रूप से लोकतंत्र के इस महापर्व में अधिक से अधिक और संभव हो तो शत-प्रतिशत मतदान कर एक जिम्मेदार नागरिक के सर्वाधिक महत्वपूर्ण कर्तव्य का पालन करें।

मध्यप्रदेश में 2023 में मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 60 लाख 58 हजार 521 है। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 87 लाख 25 हजार 607 है, वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 71 लाख 33 हजार 945 है। थर्ड जेंडर 1292, विदेश में 99, सेवा वोटर्स 75,382, आर्मी में 380 वोटर्स हैं। इसमें 80 से अधिक साल के मतदाता 6 लाख 37 हजार 382 हैं। और 100 वर्ष से अधिक आयु के वोटर्स 4901 हैं। दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 5 लाख 3 हजार 872 है। तो उम्मीद यही कि सभी 5.60 करोड़ मतदाता मतदान करें और मध्यप्रदेश शत-प्रतिशत मतदान वाला देश का पहला राज्य बने। मध्यप्रदेश में मतदान प्रतिशत के सफर पर एक नजर डालें तो 1957 में 37.17 प्रतिशत मतदान हुआ था। 1962 में 44.52 मतदान, 1967 में 53.49 प्रतिशत मतदान, 1972 में 55.26 मतदान हुआ था। यानि मध्यप्रदेश के पहले चार विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत में 37.17 प्रतिशत से लगातार बढोतरी होते हुए मतदान प्रतिशत में 18 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।

हालांकि इसके बाद देश में आपातकाल जैसी स्थिति बनने पर मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में कमी दर्ज हुई। 1977 में मतदान प्रतिशत 52.73 हुआ, फिर और गिरावट होते हुए
1980 में 49.03 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। फिर थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज हुई और 1985 में 49.85 फीसदी मतदान हुआ। 1990 में 54.19 फीसदी मतदान, 1993 में 60.52 मतदान, 1998 में मामूली कमी संग 60.22 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। हालांकि 2003 के बाद मतदान प्रतिशत में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। 2003 में 67.25 फीसदी मतदान, 2008 में 69.28 फीसदी, 2013 में 72.07 फीसदी और 2018 में 74.97 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था। और अब 2023 में एक बार फिर अवसर है मतदाताओं के सामने कि वह अपनी जागरुकता और कर्तव्य परायणता का प्रमाण देते हुए शत-प्रतिशत मतदान की तरफ अपने कदम बढ़ाएं। और अब महिला-पुरुष समानता की इस इक्कीसवीं सदी में एक और उम्मीद कि महिला मतदाता मतदान में पुरुषों से बाजी मारते हुए एक उदाहरण पेश करें और समग्र रूप से लोकतंत्र के महापर्व में मतदान का प्रतिशत बढ़ता रहे…।