
3 करोड़ की चोरी का ख़ुलासा, पौने 2 करोड़ का माल बरामद, 4 आरोपी गिरफ्तार,2 फ़रार,55 दिनों के बाद खुला सर्राफा चोरी काण्ड
राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
छतरपुर: गत 3-4 दिसम्बर की दरम्यानी रात जिले में लवकुशनगर के 80 साल पुराने सर्राफा प्रतिष्ठान से हुई चोरी की बड़ी वारदात का खुलासा छतरपुर पुलिस ने 55 दिनों के बाद कर दिया है। इस दुकान के मालिक चन्द्रोदय सोनी के यहां से यूपी के शातिर चोर लल्ला राजपूत के गिरोह ने लगभग 3 करोड़ रूपए के सोने के आभूषण चोरी किए थे। पुलिस इसमें से लगभग पौने दो करोड़ रूपए का सोना बरामद कर सकी है। पुलिस ने गिरोह के 4 साथियों से दो किलो 200 ग्राम सोना जब्त किया है लेकिन मुख्य आरोपी लल्ला राजपूत और उसका अहम साथी उमेश राजपूत अब भी फरार हैं।
बुधवार को छतरपुर एसपी अगम जैन ने पुलिस कंट्रोल रूम में चोरी का खुलासा करते हुए बताया कि इस चुनौतीपूर्ण चोरीकाण्ड के खुलासे में उन्होंने लवकुशनगर सबडिवीजन सहित छतरपुर के 25 पुलिस अधिकारियों की टीम को तैनात किया था। इस टीम ने उत्तर प्रदेश के राठ में रहने वाले शिवपाल राजपूत, सागर, हिमांशु और सुनील सोनी को गिरफ्तार कर इनसे दो किलो 200 ग्राम सोने के आभूषण बरामद कर लिए हैं। 2 आरोपी लल्ला राजपूत और उमेश राजपूत फिलहाल फरार हैं। इन आरोपियों की तलाश की जा रही है। चोरी का मास्टर माइंड लल्ला राजपूत यूपी का एक शातिर चोर है। इस पर पहले भी 13 मुकदमे दर्ज हैं। वह सर्राफा प्रतिष्ठानों से चोरी करने का शातिर चोर है। उसके बारे में कहा जाता है कि वह दुकान से सिर्फ सोना चोरी करता है चांदी छोड़कर चला जाता है। इस मामले में भी यही हुआ था।
*●शुरूआत के 40 दिन तक भटकती रही छतरपुर पुलिस..*
इस मामले के खुलासे में 55 दिन लग गए, इसकी वजह थी लवकुशनगर पुलिस की भटकावपूर्ण जांच प्रक्रिया। शुरूआत के लगभग 40 दिनों तक लवकुशनगर पुलिस ने सिर्फ परिवार के लोगों पर ही संदेह करते हुए निकाल दिए। पुलिस को शक था कि इस चोरी में चन्द्रोदय के बेटों का हाथ है इसलिए पुलिस ने दूसरी तरफ ध्यान ही नहीं दिया। इस मामले में स्थानीय लोगों ने कई बार लवकुशनगर थाने में पदस्थ एक सिपाही पर गंभीर आरोप लगाते हुए एसपी से शिकायतें भी की थीं।

*●फरियादी की सूझबूझ से चोरों तक पहुंची पुलिस..*
पुलिस भले ही इस मामले के खुलासे में अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन सच्चाई ये है कि चोरों तक पहुंचने में फरियादी की सूझबूझ ही काम आयी है। दरअसल चोरी की वारदात के बाद जब पुलिस ने 40 दिनों तक इस मामले में कोई सुराग नहीं जुटाया तब दुकान मालिक चन्द्रोदय सोनी ने अपने नेटवर्क के माध्यम से पता लगाया कि राठ में कुछ लोग सर्राफा दुकानों पर सोना बेचने के लिए संपर्क कर रहे हैं। इन्हीं सुरागों को उन्होंने पुलिस तक पहुंचाया और फिर लवकुशनगर एसडीओपी नवीन दुबे के नेतृत्व में लवकुशनगर टीआई परशुराम डाबर, जुझारनगर टीआई राजेन्द्र सिंह, बमनौरा थाना प्रभारी मनोज गोयल, बंशिया थाना प्रभारी धर्मेन्द्र रोहित, छतरपुर सिविल लाइन की अधिकारी नेहा गुर्जर और उनकी टीम ने मामले में अग्रिम कार्रवाही करते हुए आरोपियों को दबोच लिया। हालांकि इस जांच में कई सवाल शेष रह गए जैसे पुलिस ने मुख्य आरोपी लल्ला राजपूत की पत्नी को पकड़कर छोड़ दिया। लवकुशनगर में मामले की रैकी करने वाले लोग आरोपी नहीं बनाए गए हैं।




