Tradition of African Tribes : नामीबिया की हिम्बा जनजाति में अजब सी परंपरा

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Tradition of African Tribes : नामीबिया की हिम्बा जनजाति में अजब सी परंपरा

अलीराजपुर से अनिल तंवर की जानकारी

Alirajpur : वाराणसी के रहने वाले रत्नेश पांडेय 12 साल से अधिक समय से अफ्रीकी देश तंजानिया में कार्यरत हैं। वे भूगर्भ विज्ञानी हैं पर उनकी रुचि जनजातियों की जीवन शैली को नजदीक से देखने, समझने और उन पर लिखने की है।
रत्नेश पांडेय बताते हैं कि अफ्रीका में काम करने के दौरान मुझे वहां रहने वाली बहुत सी जनजातियों के बीच रहने का मौका मिला। उनकी संस्कृति को देखने का सौभाग्य मिला।

वे बताते हैं कि नामीबिया में रहने के दौरान वहां रहने वाली एक जनजाति हिम्बा की संस्कृति को देखा जो अपने आपमें अद्भुत है। हिम्बा जनजाति में बच्चे का जन्म उस दिन से माना जाता है, जिस दिन स्त्री गर्भधारण करती है। उस दिन वो स्त्री कभी, कही अकेले नहीं रहती। इस दौरान वो खुद एक गाना रचती और गुनती है। फिर ‘वो गीत’ उस आदमी को सुनाती है, जो उसके होने वाले बच्चे का पिता होता है।

रत्नेश बताते हैं कि सनातन हिंदू धर्म अफ्रीका में भी तेजी से लोगों को प्रभावित कर रहा है। लोग मांसाहार, व्यभिचार, चोरी, एवं डकैती को छोड़कर सनातन संस्कृति को आत्मसात कर रहे हैं।