UPI Payment: एक अप्रैल से UPI पेमेंट करना भी मुफ्त नहीं, चार्ज लगेगा!
New Delhi : यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payment Interface) आज लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है। ज्यादातर लोग हर छोटी-बड़ी खरीदारी के लिए UPI Payment करना पसंद करते हैं। लेकिन, अब इस पर भी शुल्क लगाया जा रहा है।
यूपीआई को संचालित करने वाला नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 24 मार्च को जारी सर्कुलर में कहा कि यूपीआई से मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) फीस लागू की जाएगी। इस नोटिफिकेशन के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जैसे मोबाइल वॉलेट के जरिए 2 हजार से अधिक रुपए का ट्रांसफर करता है, तो उसे इंटरचेंज फीस देना होगी। PPI के अंतर्गत कार्ड और वॉलेट आता है।
कितनी लगेगी इंटरचेंज फीस
NPCI के सर्कुलर में 2 हजार रुपए से अधिक के ट्रांजेक्शन पर ही यह इंटरचेंज फीस वसूली जाएगी। यह फीस सामान्यतः 2 हजार रुपए से अधिक की राशि का 1.1% होगा। गौरतलब है कि एनपीसीआई (NPCI) ने अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस तय की है। कृषि और टेलीकॉम क्षेत्र में सबसे कम इंटरचेंज फीस वसूला जाएगा। यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को ही देना पड़ेगा।
किस पर नहीं लगेगा इंटरचेंज फीस
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (NPCI) के सर्कुलर के मुताबिक बैंक अकाउंट और PPI वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी तरह का ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा। इस नए नियम को एक अप्रैल से लागू करने के बाद NPCI इसका समीक्षा 30 सितंबर, 2023 से पहले करेगा।