Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista : हर पोस्टिंग में विवादों की महारानी रही है यह महिला IAS !

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इन दिनों IAS नेहा मारव्या खासी चर्चा में हैं। इसका कारण कोई महान उपलब्धि नहीं, बल्कि एक नया पंगा है। नया इसलिए कि वे जहां भी पदस्थ रहीं, कही न कहीं उन्होंने कोई विवाद जरूर किया। इस कारण उनके कई तबादले भी हुए, पर उनकी आदत बरकरार है। उन्होंने ताजा पंगा महिला IAS के व्हाट्सअप ग्रुप में एक पोस्ट करके किया। इस पोस्ट से उन्होंने CM के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी से पंगा ले लिया।

राजस्व विभाग के उपसचिव पद पर जॉइनिंग के समय मनीष रस्तोगी से उनका जो कथित विवाद हुआ होगा, उसे उन्होंने मसाला लगाकर इस पोस्ट में परोस दिया। ये पोस्ट महिला IAS के ग्रुप तक ही नहीं रही और लीक होकर जमाने भर में फैल गई। लेकिन, इससे नेहा मारव्या को कोई सहानुभूति नहीं मिली, उल्टा मीडिया में उनके पिछले कार्यकाल के दौरान हुए पंगे बाहर आ गए।

Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista : हर पोस्टिंग में विवादों की महारानी रही है यह महिला IAS !

नेहा मारव्या 2011 बैच की IAS हैं। वे प्रदेश सरकार की खेल मंत्री यशोधरा राजे से विवाद के चलते भी सुर्खियों में रहीं। तब यह विवाद CMO तक पहुंचा था। उस समय वे शिवपुरी में प्रभारी कलेक्टर थीं, तब ये विवाद हुआ था। उस समय मुख्य सचिव ने उन्हें भोपाल बुलाया तो नेहा मारव्या ने कहा था कि जब तक शिवपुरी के जिला कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव अवकाश से नहीं आ जाते, तब तक वे मुख्यालय नहीं छोड़ेंगी।

खेल मंत्री यशोधरा राजे को नेहा मारव्या ने तीन सड़कों के लोकार्पण और शिलान्यास की अनुमति नहीं दी थी। मंत्री ने यह शिकायत तत्कालीन मुख्य सचिव बीपी सिंह से की थी।

जब वे जिला पंचायत शिवपुरी की CEO थी, उस समय जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल से भी उनकी भिड़ंत हुई थी। यह मामला भी CMO तक पहुंचा था और मामले का पटाक्षेप नेहा मारव्या के तबादले से हुआ था।


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जनवरी 2017 में शिवपुरी जनसुनवाई के दौरान अपनी लंबित समस्या को लेकर एक कर्मचारी ने नेहा मारव्या से इच्छामृत्यु की मांग की। इस पर उन्होंने उस आवेदन पर एसपी शिवपुरी को निर्देशित किया कि पीड़ित के खिलाफ आईपीसी/सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करें।

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IAS नेहा मारव्या जब कृषि विभाग के उपसचिव पद पर थीं, तब उन्होंने 11 ड्राइवर बदले। गाड़ी में ज्यादा डीजल के लिए मंडी अफसरों से भिड़ गईं थीं। कर्मचारी की छुट्टी कैंसिल करके खुद छुट्टी पर चली गईं थीं। पंचायत CEO रहते हुए कलेक्टर की कार के किराए का भुगतान रोकने पर ​भी वे विवादों में आईं थीं। 2014 में गुना में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के तत्कालीन उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रचार वाहन के विरुद्ध कार्रवाई का मामला भी सुर्खियों में रहा था। तब चुनाव आयोग ने इनका तबादला किया था। ताजा मामले से लगता है कि उन्होंने पंगे लेने की अपनी आदतों से सबक नहीं सीखा। मनीष रस्तोगी के बाद नया विवाद किससे होता है, इसका इंतजार कीजिए।

भाजपा ने उमा भारती को हाशिए पर डाला!

भाजपा अभी तक उमा भारती को गंभीरता से नहीं ले रही थी। लेकिन, जिस तरह से वे शिवराज सरकार के लिए परेशानी बढ़ा रही थीं, उससे पार्टी परेशान होने लगी। शराबबंदी की मांग को लेकर भी वे हमेशा विवाद करती रही हैं। अब उन्होंने हिमालय इलाके में गंगा और उसकी सहयोगी नदियों पर 72 पॉवर प्रोजेक्ट बनाए जाने पर ही उंगली उठाकर मोदी सरकार को भी चुनौती दे दी। इस कारण भाजपा में फिलहाल उमा भारती अकेली पड़ गई। लेकिन, वे भाजपा सरकार और संगठन के निशाने पर हैं।

पार्टी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी ने अब तय किया है कि भाजपा में अब कोई भी उमा भारती के मुद्दों पर प्रतिक्रिया नहीं देगा। न तो कोई नेता बयान देगा और न किसी तरह की मुलाकात नहीं करेगा और न कार्यक्रम में ही शामिल होगा। भाजपा संगठन ने अनौपचारिक रूप से सभी नेताओं को संदेश भी भेज दिया है। उमा भारती ने एक बार फिर प्रदेश में शराबबंदी को लेकर गांधी जयंती से आंदोलन की चेतावनी दी। उनके इस रवैए से प्रदेश भाजपा संगठन को भारी नाराजी है। नेता और कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि उमा भारती से दूरी बनाएं।

Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista : हर पोस्टिंग में विवादों की महारानी रही है यह महिला IAS !

वे शराबबंदी को लेकर अकसर सरकार को धमकाती रहती हैं। लेकिन, किसी न किसी कारण से वे हर बार टालती भी रहती हैं। उन्होंने फिर शराबबंदी को लेकर आंदोलन की धमकी दी। उमा भारती उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों पर 72 पॉवर प्रोजेक्ट स्वीकृत करने पर सवाल उठा चुकी हैं। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को पर्यावरण के सबसे बड़ा नुकसान बताया है। यह भी खुलासा किया कि मंत्री रहते पॉवर प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में जो एफिडेविट दिया था वह सरकार के फैसले के विपरीत था। पार्टी ने इसके बाद का फैसला भी तय कर लिया।

सिंधिया को एक नये PS की तलाश

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक नये पी एस की तलाश है। नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया के वर्तमान PS अजय यादव हाल ही में केंद्र में संयुक्त सचिव के पद पर एम्पैनल हो गये है। नये पद पर नियुक्ति के साथ ही उनका PS पद से हटना तय है। वे 2005 बैच के बिहार काडर के IAS अधिकारी है।

दो और मंत्रियों के PS भी खाली

केंद्र में दो और मंत्रियों के PS भी खाली हो गये हैं। आर सी पी सिंह और मुख्तार अब्बास नकवी के मंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद से इनके PS की भी छुट्टी हो गई है। इन अधिकारियों ने अपनी आमद DOPT मे दे दी है और दोनों अधिकारी अपनी अगली पदस्थापना आदेश की प्रतीक्षा में है।

केंद्र में 43 अधिकारी संयुक्त सचिव पद पर एम्पैनल

DOPT ने एक ही दिन 11 जुलाई को नौ आदेश जारी कर 43 अधिकारियों के केंद्र में संयुक्त सचिव पद पर एम्पैनलमेट की प्रक्रिया पूरी कर दी। इनमें सर्वाधिक 31 अथिकारी IAS हैं। इनके अलावा दो IPS अधिकारी, रेल्वे लेखा सेवारत और रेलवे मैकेनिकल इंजीनियरिंग के एक एक अधिकारी, भारतीय टेलीकाम सेवा के 5 और भारतीय आर्थिक सेवा के तीन अधिकारी शामिल है।

नए राष्ट्रपति के नए सचिव को लेकर ज्यादा उत्सुकता

इस हफ्ते देश को नया राष्ट्रपति मिल जायेगा। सत्ता के गलियारों में नए राष्ट्रपति के नए सचिव को लेकर ज्यादा उत्सुकता है। गलियारों में चल रही चर्चा पर अगर यकीन किया जाय तो CAG गिरीश चंद्र मुरमू को राष्ट्रपति के सचिव के रुप में लाया जा सकता है। हालांकि इसकी संभावना बहुत कम है क्योंकि वर्तमान में वे संवैधानिक पद पर तैनात हैं। श्री मुर्मू प्रधानमंत्री के भी विश्वासपात्र अधिकारी भी बताए जाते हैं। वे 1985 बैच के गुजरात काडर के रिटायर्ड IAS अधिकारी है।

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Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।