Water Satyagraha Started : नर्मदा घाटी के कसरावद में जल सत्याग्रह शुरू, मुआवजे की मांग!
मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट
Manawar (Dhar) : नर्मदा घाटी के सरदार सरोवर बांध क्षेत्र के 170 से अधिक गांवों में पिछले साल मानसून में नर्मदा नदी का बैकवॉटर बढ़ने से सैकड़ों मकान और सैकड़ों एकड़ खेत भी डूबग्रस्त हुए थे| लेकिन, शासन-प्रशासन ने सर्वे के बाद भी पीडितों को आज तक कोई मुआवजा नहीं दिया। इसीलिए डूब क्षेत्र के लोगों ने नर्मदा बचाओं आंदोलन की नेत्री मेघा पाटकर के साथ पुनर्वास की मांग को लेकर शनिवार से जल सत्याग्रह शुरू किया। क्योंकि, इस साल फिर से नर्मदा घाटी में बैक वाटर बढने लगा है।
घाटी के किसान-मजदूर, मछुआरे, कुम्हार, पशुपालक, दुकानदार आदि परिवारों के सामने डूब के रूप में फिर से चुनौती खडी़ है। 13 सितंबर की रात में ओंकारेश्वर बांध के 8 गेट खोले गए और उसका जलप्रवाह तथा इंदिरा सागर से छोडा़ गया जलप्रवाह सरदार सरोवर क्षेत्र में पहुंचने पर बड़वानी, धार, खरगोन व आलीराजपुर तक के गांव, खेती आदि पुनर्वास के सभी लाभ न पाते हुए भी डूब सकते है| पिछले साल के कई पीड़ित परिवार आज भी शासकीय भवनों में तो कई परिवार किराए के या रिश्तेदारों के मकानों में रह रहे हैं। डूब क्षेत्र के कुछ परिवार तो 2019 से ही टीनशेड में रखे गए हैं। उनका भी पुनर्वास नहीं हो पाया है।
एनवीडीए ने बैकवॉटर लेवल को अवैध तरीके से पुनरीक्षित कर हर गांव में कम दिखाकर 15 हजार परिवारों को ‘डूब से बाहर’ घोषित कर दिया था। बडवानी के निकट के कसरावद गांव में जहां बाबा आमटे ने सालों तक डेरा डाला और आंदोलन के समर्थन में धरना भी दिया था। शनिवार को उसी कसरावद गाँव में नर्मदा नदी में ग्रामीणों ने जल सत्याग्रह शुरू किया। बड़वानी और धार जिले के गांवों के प्रतिनिधि इस जल सत्याग्रह में शामिल है। जिसमें कमला यादव, केसर सोमरे, मंजूबाई अजनारे, रंजना मोर्य,भगवान सेप्टा,सुशीला नाथ , मुकेश भगोरिया, राहुल यादव, ओमप्रकाश पाटीदार, धनराज आवास्या, गौरीशंकर कुमावत, बालाराम यादव, कैलाश यादव आदि सत्याग्रह में शामिल हैं।