कोरोना का क्या रोना प्यारे भाई ?

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कोरोना का क्या रोना प्यारे भाई ?

पडौसी चीन में कोरोना का कहर फिर टूट पड़ा है, इसके साथ ही बीते साल कोरोना का कहर झेल चुके तमाम देशों ने जनता के लिए ‘ एडवाइजरी ‘ जारी कर अपना फ़र्ज़ पूरा कर लिया है।

कोरोना दुनिया का भूत, भविष्य और वर्तमान बन चुका है।कोरोना विषाणु है,कोरोना बाजार है,कोरोना व्यापार है।ये न कहीं गया था और न कहीं जाएगा।इसे हमारे बीच ही रहना है।आप देखेंगे कि ये अब दुनिया का स्थाई हमसफ़र है।अब आप,हम और सरकारें इस कोरोना का अपने -अपने ढंग से मुकाबला करेंगे।

आपको याद होगा कि हमारी संसद में सरकार ने गंगाजल उठाकर पहले ही कह दिया था कि भारत में आक्सीजन और दवाओं की कमी से एक भी व्यक्ति नहीं मरा। मुझे सरकार के दावों को चुनौती देने में कोई दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि सरकार दिलचस्प बात करती ही नहीं है। सरकार वो सब कर रही है जो उसे करना चाहिए।

हमारे यहां चर्चा है कि सरकार कोरोना की दस्तक सुनकर खुश है। सरकार कोरोना को ढाल बनाकर कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को प्रतिबंधित कर सकती है। सरकार यदि ऐसा कर दे तो किसी को ताज्जुब नहीं होंगा। सरकार के पास कोई दूसरा चारा भी तो नहीं है।

पिछले सौ से अधिक ज्यादा दिनों में भारत जोड़ो यात्रा का जो असर देश की जनता पर होना था सो हो गया।अब इस यात्रा पर रोक लगे या न लगे, कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। सरकार निडर होकर कह रही है कि उसे भारत जोड़ो यात्रा से कोई डर नहीं है। लेकिन सरकार का डर उसके चमकदार चेहरे पर साफ झलक रहा है।

भारत के अखबार चीन में कोरोना विस्फोट की खबरों से भरे पड़े हैं।सब वो ही काम कर रहे हैं जो सरकार करना चाहती है। सरकार जनता और प्रतिपक्ष को डराकर रखना चाहती है, लेकिन सबके मन से मौत का डर जैसे अब निकल गया है। अब सरकार के लिए जनता से ताली,थाली बजवाना आसान नहीं है। जनता समझ चुकी है कि हानि,लाभ, जीवन और मरण के अलावा जब,अपजस विधि के हाथ में है। सरकार के हाथ में कुछ नहीं है। अब जो होना है, होकर रहेगा।

इस समय मैं अमेरिका में हूं और देख रहा हूं कि यहां की जनता कोरोना के प्रति पहले से सतर्क है।जिसे मास्क लगाना है,वो लगा रहा है ,जिसे नहीं लगाना नहीं लगाता। कोई जोर-जबरदस्ती नहीं। कोई भगदड़ नहीं। सरकार कोरोना की नई दस्तक को ढाल नहीं बना रही। जनता को आगाह भी नहीं कर रही।

देश के जिम्मेदार अखबार चीन में कोरोना की जो तस्वीर पेश कर रहे हैं, उसे देखकर हंसी आती है।कहा और दिखाया जा रहा है कि चीन में 24 घंटे में 3.70 करोड़ कोरोना मरीज पहचाने गए हैं। मरीजों को सड़कों पर पकड़कर रस्सियों से जकड़ा जा रहा है,ड्रिप्स लगाई जा रही है। कल्पना कीजिए कि यदि सचमुच भारत में यही स्थिति बनी तो क्या होगा ?

भारत की राजनीति में मौजूदा दौर तमाशों का दौर है, इसलिए नये तमाशे देखने के लिए तैयार रहिए। अपनी सेहत का ख्याल रखिए। भीड़ में ज्यादा ऐहतियात बरतें। देश का कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ सकता। वैसे उड़ती -उड़ती खबर है कि चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 25 करोड़ है. यह आंकड़ा महज 20 दिनों के अंदर का बताया जा रहा है.

चीन के नेताओं ने कभी विश्वगुरु बनने क दावा कभी नहीं किया। चीन में कोविड की जीरो-पॉलिसी खत्म करने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या में जबरदस्त तेजी से इजाफा हुआ है. चीन से तो खबरें आती नहीं,यह चौंकाने वाला खुलासा रेडियो फ्री एशिया ने सरकार के लीक हुए दस्तावेज के आधार पर किया है. यह दस्तावेज सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं.

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RAKESH ANCHAL
राकेश अचल

राकेश अचल ग्वालियर - चंबल क्षेत्र के वरिष्ठ और जाने माने पत्रकार है। वर्तमान वे फ्री लांस पत्रकार है। वे आज तक के ग्वालियर के रिपोर्टर रहे है।