Why Children in JAYAS Rally : ‘जयस’ की रैलियों में बच्चे क्यों, बाल आयोग ने धार प्रशासन को पत्र लिखा!

जयस नेता डॉ हीरालाल अलावा ने इन आरोपों को गलत बताया!

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Why Children in JAYAS Rally : ‘जयस’ की रैलियों में बच्चे क्यों, बाल आयोग ने धार प्रशासन को पत्र लिखा!

देखिए आयोग का पत्र और डॉ अलावा का वीडियो बयान!

Indore : मणिपुर की हिंसात्मक घटनाओं पर मनावर के कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने जो आदिवासियों की रैली निकाली, उसे लेकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने आपत्ति ली। आपत्ति का कारण यह बताया गया कि ये राजनीतिक रैलियां थी और इनमें बच्चों को भी शामिल किया गया, जो गलत है। आयोग ने धार कलेक्टर और एसपी को पत्र भेजकर इस मामले की तीन दिन में जांचकर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जबकि, डॉ हीरालाल अलावा ने एक वीडियो जारी करके रैली के राजनीतिक होने को गलत बताया और मणिपुर में आदिवासी बच्चों के मारे जाने पर केंद्र सरकार और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आज धार कलेक्टर और धार के एसपी के नाम एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में कहा गया कि आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त को एक क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी ‘जय आदिवासी युवा शक्ति’ (जयस) ने राजनीतिक रैलियां निकाली। इनमें बच्चों का भी उपयोग किया गया, जो नियम के अनुसार गलत और अपराध है। यह रैली डॉ हीरालाल अलावा के नेतृत्व में निकाली गई, जो मनावर विधानसभा सीट से विधायक हैं। इन रैलियों में बच्चों का उपयोग किया जाना बेहद आपत्तिजनक है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अपने पत्र में लिखा कि उन्हें इस आशय की शिकायत मिली है और यह मामला जांच का विषय बनता है। अतः जरूरी जांच करके इस मामले की रिपोर्ट दें। लिखा गया कि यह आयोग अनुरोध करता है कि इस मामले की जांच की जाए और यदि डॉ हीरालाल अलावा और अन्य दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। आयोग ने इसके लिए तीन दिन का समय दिया गया है।

देखिए आयोग का पत्र और डॉ अलावा का वीडियो बयान!-

इस पत्र को लेकर मनावर के कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने एक वीडियो जारी करके अपना स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से धार कलेक्टर और एसपी को बाल अधिकार संरक्षण आयोग का इस आशय जा पत्र मिलने की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि हमने विश्व आदिवासी दिवस पर कोई राजनीतिक रैली नहीं निकाली। बल्कि, हमने मणिपुर की घटनाओं का विरोध करने के मकसद से रैली निकाली थी। मणिपुर में पिछले तीन महीने से आदिवासियों के साथ हिंसात्मक घटनाएं हो रही है। अन्य लोगों के साथ बच्चे भी मारे जा रहे हैं। उन्हें खाने-पीने तक को नहीं मिल रहा है वे बंकरों में रह रहे हैं। इन बच्चों की जान भी संकट में है।

डॉ अलावा ने यह सवाल भी उठाया कि अभी तक इस दिशा में केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाल संरक्षण अधिकार आयोग को हमारी मणिपुर मुद्दे पर निकाली गई रैली राजनीतिक रैली दिखाई दी। पर, क्या उन्होंने मणिपुर की घटनाओं पर कोई संज्ञान लिया है? जबकि, वहां बच्चों की हालत बेहद खराब है। डॉ अलावा ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि इस मामले पर स्वतः संज्ञान लें और इस दिशा में कार्रवाई करें।