PM मोदी का मणिपुर पर मात्र दो मिनट बोलना और हँसी ठिठोली करना दुर्भाग्यपूर्ण-राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के नेतृत्व में सांसदों का अधीर रंजन चौधरी के निष्कासन के विरोध में डॉ० भीमराव आंबेडकर की मूर्ति के निकट प्रदर्शन

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PM मोदी का मणिपुर पर मात्र दो मिनट बोलना और हँसी ठिठोली करना दुर्भाग्यपूर्ण-राहुल गांधी

नई दिल्ली से नेशनल हेड गोपेंद्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट

नई दिल्ली।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार के खिलाफ़ विपक्ष कर अविश्वास प्रस्ताव पर हिंसा प्रभावित मणिपुर पर अपने भाषण के अन्त में मात्र दो मिनट बोल कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर दी।

शुक्रवार को नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य पूर्ण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 2 घंटे 13 मिनट के भाषण के अंत में 2 मिनट ही मणिपुर की बात की जबकि मणिपुर में महीनों से आग लगी हुई है, लोग मारे जा रहे हैं, महिलाओं का बलात्‍कार हो रहा है, बच्‍चों को मारा जा रहा है ।

राहुल ने कहा कि यह और भी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि प्रधानमंत्री इतने गम्भीर विषय पर हंस-हंस कर बोल रहे थे, मुस्‍कुरा रहे थे, जोक्‍स क्रैक कर रहे थे, ये उनको शोभा नहीं देता है।

उन्होंने कहा कि हिन्‍दुस्‍तान का प्रधानमंत्री, अगर देश में कही हिंसा हो रही है, दर्द हो रहा है तो विषय की गम्भीरता को देखते हुए उन्हें 2 घंटे मजाक नहीं उड़ाना च‍ाहिए। विषय कांग्रेस नहीं था, विषय मैं नहीं था, विषय मणिपुर है, मणिपुर में क्‍या हो रहा है और उसको एकदम क्‍यों नहीं रोका जा रहा है, ये विषय था।

राहुल गाँधी ने कहा कि मैं 19 साल से राजनीति में हूं और देश के हर प्रदेश में गया हूं। चाहें बाढ़ आए, तूफान आए, सुनामी आई, हिंसा होती है, हम वहाँ लोगों का दुःख दर्द बाटने और उन्हें राहत देने जाते हैं। मैंने अपने 19 साल के राजनीतिक अनुभव में, जो मणिपुर में देखा और सुना, वो कभी पहले नहीं सुना था। मैंने पार्लियामेंट में बोला कि प्रधानमंत्री जी ने अमित शाह जी ने, भारत माता की हत्‍या की है, मणिपुर में भारत को खत्‍म कर दिया है।यह बात मैंने ऐसे ही नहीं बोला था, ये खोखले शब्‍द नहीं हैं। मैं आपको समझाता हूं कि मैंने ये बात बोली क्‍यों? जब हम मणिपुर पहुंचे, हम लैंड किए। हमें मणिपुर में दौरा करना था, जब हम मैतेई एरिया में गए… हमें साफ कहा गया था कि अगर आपकी सिक्‍योरिटी डीटेल में कोई भी कुकी होगा, उसको आप यहां मत लाइए, क्‍योंकि हम उसको मार देंगे और जब हम कुकी के एरिया में गए, हमें कहा गया, अगर कोई मैतेई आपकी सिक्‍योरिटी डीटेल में होगा, उसको आप मत लाइए, उसको हम गोली मार देंगे।

हम जब गए, हमें मैतेई को परे करना पड़ा, हमें कुकीज़ को परे करना पड़ा। मतलब एक स्‍टेट नहीं है, आज वहाँ दो स्‍टेट हों गए हैं। मणिपुर की हत्‍या कर दी गई है और उसको चीर दिया गया है। इसीलिए मैंने बोला कि बीजेपी ने मणिपुर में हिन्‍दुस्‍तान की हत्‍या कर दी है और जब मैंने कल प्रधानमंत्री को देखा, हंसते हुए, मजाक उड़ाते हुए, मैं समझ नहीं पा रहा था कि हिन्‍दुस्‍तान का प्रधानमंत्री इस प्रकार से कैसे बोल सकता है, प्रधानमंत्री को ये पता नहीं लग रहा है कि हमारे देश में क्‍या हो रहा है।

राहुल ने कहा कि प्रधान मंत्री मणिपुर नहीं जाना चाहते हैं, उसके भी कारण हैं, शायद मैं आपको बता नहीं सकता हूं। उसके कारण हैं,मगर यदि वहाँ जा नहीं सकते हैं, तो मणिपुर के बारे में बोलें तो अपनी संवेदनाएँ तों दर्शायें। आप सब जानते हैं मणिपुर में जो हो रहा है, हिन्‍दुस्‍तान की सेना उसको दो दिन में रोक सकती है। तीन दिन भी नहीं लगेंगे, अगर हिन्‍दुस्‍तान की आर्मी को कहा जायें कि ये बंद कराओ, दो दिन में ये ही यह तमाशा, ड्रामा बंद हो जाएगा लेकिन
प्रधानमंत्री मणिपुर को जलाना चाहते हैं, आग बुझाना नहीं चाहते हैं, ये है सच्‍चाई।

पत्रकारों के इस प्रश्‍न पर कि कल प्रधानमंत्री का पॉलिटिकल भाषण ज्‍यादा था और मणिपुर पर बात बहुत कम थी, क्या कहेंगे? राहुल गांधी ने कहा कि भाषण हिन्‍दुस्‍तान के बारे में नहीं था, भाषण नरेन्‍द्र मोदी जी के बारे में था। वो अपनी राय, अपनी राजनीति, अपने एंबीशन्‍स बता रहे थे। सवाल ये नहीं है कि नरेन्‍द्र मोदी जी 2024 में प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं, सवाल ये है कि मणिपुर जल रहा है, महिलाओं का बलात्‍कार हो रहा है, वहां लोग मारे जा रहे हैं, सवाल ये है। अगर अन्य बातें और मजाक बनाना चाहते हैं, तो प्रधानमंत्री ये बातें पब्लिक मीटिंग में कहें, जब मणिपुर नहीं जल रहा है तो करें, लेकिन प्रधानमंत्री को ये बात समझ आनी चाहिए कि पार्लियामेंट में जो चर्चा हो रही थी, उनके बारे में नहीं थी, वो मणिपुर के बारे में थी।

एक अन्‍य प्रश्‍न पर कि कल प्रधानमंत्री जी ने ये आरोप लगाया कि मणिपुर और नॉर्थ-ईस्‍ट की सारी समस्‍याओं के लिए कांग्रेस जिम्‍मेदार है, आप क्‍या जवाब देंगे? राहुल गांधी ने कहा कि अभी मैंने बोला न, वो ही तो जवाब है। मुझे प्रधानमंत्री को जवाब देने की जरूरत नहीं है। मैं सिर्फ ये कह रहा हूं कि एक स्‍टेट की हत्‍या की गई है, भारत माता की हत्‍या कर दी गई है मणिपुर में और प्रधानमंत्री लोकसभा में मजाक उड़ा रहे हैं, हंस रहे हैं, नारे लगवा रहे हैं, मुझे क्‍या जवाब देने की जरूरत नही है।

एक अन्‍य प्रश्‍न पर कि आपने बोला कि प्रधानमंत्री ने सदन में बोला कि गृह मंत्री अमित शाह ने विस्‍तार से जवाब दे दिया है। अमित शाह साहब ये कहते हैं कि मणिपुर के सीएम को हटाने की जरूरत इसलिए नहीं है, क्‍योंकि उन्‍होंने हमारी पूरी बात सुनी, तो क्‍या कहेंगे इस पर? श्री गांधी ने कहा कि मणिपुर में हजारों वैपन्‍स जो लूटे गए, वो मणिपुर के सीएम के नीचे ही हुआ, तो अमित शाह चाहते थे कि ये हजारों वैपन्‍स लूटे जाएं? जो हिंसा चल रही है, क्‍या अमित शाह चाहते हैं कि हिंसा चलती जाए? चीफ मिनिस्‍टर उसको रोक नहीं पा रहा है, अमित शाह जी कह रहे हैं कि भईया वो हमारी बात मान रहा है, तो क्‍या आप चाहते हैं कि मणिपुर जलता जाए?

एक अन्‍य प्रश्‍न पर कि संसद में एक नया ट्रेंड दिखाई दे रहा है कि कई सेशन से अपोजीशन के एमपीज़ या तो सस्‍पेंड हो रहे हैं या डिस्‍क्‍वालिफाई हो रहे हैं, इसका जो ट्रेंड बढ़ रहा है, इसको आप लोग कैसे एड्रेस करेंगे? श्री गांधी ने कहा कि देखिए एमपीज़ को निकालें, वापस डालें, हमारा काम बदलता नहीं है। हमारा लक्ष्‍य, जो मणिपुर में हो रहा है, उसको रुकवाने का है। जो भी औजार हमारे हाथों में हैं, उस हिंसा को रुकवाने के लिए, उनका हम प्रयोग कर रहे हैं और करेंगे।

एक अन्‍य प्रश्‍न पर कि आपने 37 मिनट का भाषण लोकसभा के भीतर दिया और 37 मिनट के भाषण के दौरान आपको करीब 14 मिनट ही दिखाया गया, बाकी आपके चेहरे पर कैमरा नहीं था, इस परंपरा को आप किस तरीके से देखते हैं? राहुल गांधी ने कहा कि पता नहीं, शायद कॉन्‍ट्राडिक्‍शन है, शायद पीएम मेरा चेहरा टीवी पर नहीं देखना चाहते, मगर फिर पीएम मेरी वीडियो के बारे में बात करते हैं, तो पता नहीं क्‍या है, लेकिन मुझे लगता है शायद उनको मेरा चेहरा टीवी पर देखना अच्‍छा नहीं लगता।

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कोई प्रॉब्‍लम नहीं है, जो मैंने बोलना था, देख‍िए मुझे अपना काम करना है। मैं जानता हूं कि मीडिया पर उनका Iकंट्रोल है, लोकसभा, राज्‍यसभा टीवी पर कंट्रोल है, उसके बारे में मैं कुछ ज्‍यादा नहीं कर सकता हूं, मगर मुझे अपना काम करना है, मैं अपने काम को करता हूं। जहां भी भारत माता पर आक्रमण होगा, वहां मैं आपको खड़ा मिलूंगा, भारत माता की रक्षा करते हुए मिलूंगा।

इस अवसर पर जयराम रमेश भी मौजूद थे।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में सांसदों का अधीर रंजन चौधरी के निष्कासन के विरोध में डॉ० भीमराव आंबेडकर की मूर्ति के निकट प्रदर्शन

इधर संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में कांग्रेसी सांसदों ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के निष्कासन के विरोध में डॉ० भीमराव आंबेडकर की मूर्ति के निकट प्रदर्शन किया।

मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मौके पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम डॉ० आंबेडकर के स्‍टेचु के पास जो प्रोटेस्‍ट कर रहे हैं, इसलिए कि कॉन्‍स्‍टिट्यूशन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और बीजेपी गवर्नमेंट और खासकर मोदी जी संविधान के तहत सदन चलाना नहीं चाहते हैं और रूल्‍स, रेगुलेशन, बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के जितने भी रूल्‍स हैं, उनको अलग रखकर आज वो हर मेंबर को धमकी दे रहे हैं और हर मेंबर को सस्‍पेंड करके… ये पहली बार ऐसा हो रहा है कि सस्‍पेंड करके मामला प्र‍िविलेज कमेटी को भेजा जा रहा है ताकि वो मेंबर बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में भी न आए, हालांकि हमारे अधीर रंजन चौधरी जी चेयरमैन हैं पब्लिक अकाउंट्स कमेटी के, तो पब्लिक अकाउंट्स कमेटी में भी न आएं और सीएजी की रिपोर्ट में भी वो हिस्‍सा न लें, क्‍योंकि जो कमियां हैं, सरकार की गलतियां हैं, वो सीएजी में बताते हैं, तो उससे उनको दूर करने के लिए, उनको ऐसा सस्‍पेंड किया है कि एक दिन, दो दिन, कहीं टाइम नहीं मिल पाया है।
प्र‍िविलेज कमेटी की रिपोर्ट जब आएगी, जिस तरीके से उन्‍होंने रजनी पाटिल जी को किया था, उसी तरीके से इनको आज किया है। यानि डेमोक्रसी को दबाना चाहते हैं और संविधान के तहत चलना नहीं चाहते, इसीलिए आज हम यहां सभी पार्टी के लोग मिलकर प्रोटेस्‍ट कर रहे हैं और ऐसे जो इल्‍लीगल उनके काम हैं, गैरकानूनी काम जो हैं, इसके खिलाफ हम लड़ते रहेंगे और फिर सदन जब शुरू हो जाएगा, उस वक्‍त भी हम ये बात रखेंगे और उनको कहेंगे।