

Why Collector-SP Removed: 2 महीने से चल रहा था विवाद,नहीं दिया ध्यान, लापरवाही के कारण हटाए गए मऊगंज कलेक्टर-SP
भोपाल:मऊगंज में शाहपुर थाने के ग्राम गडरा में हुई एएसआई की मौत के मामले में पुलिस और प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। ग्राम में लगभग दो महीने से तनाव की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन इस पर न तो कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने ध्यान दिया और ना ही एसपी रसना ठाकुर ने। इसके चलते ही इन दोनों अफसरों को आनन-फानन में सरकार ने यहां से मंगलवार की रात को हटा दिया।
नए कलेक्टर संजय कुमार जैन और एसपी दिलीप सोनी गुरुवार को पदभार ग्रहण कर सकते हैं।
*_दो महीनों से चल रहा था विवाद_*
यह हिंसा एक जमीनी विवाद से शुरू हुई, जो दो समुदायों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव का परिणाम था। दो महीने पहले अशोक कुमार की मौत ने इस तनाव को और बढ़ा दिया था। आदिवासी समुदाय का मानना था कि पुलिस ने इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की, जिससे उनका गुस्सा भड़क उठा। सनी द्विवेदी को पुलिस द्वारा क्लीन चिट दिए जाने से आदिवासी समुदाय में आक्रोश था। उनका आरोप था कि पुलिस ने निष्पक्ष जांच नहीं की, जिसके चलते उन्होंने खुद न्याय करने का फैसला किया। इसके चलते ही 15 मार्च को यहां पर जमकर हंगामा बरपा जिसमें एएसआई की जान चली गई।
*ये भी लग रहे आरोप*
यह भी आरोप लग रहे है कि घटना में सनी को छुड़ाने के लिए जब पहुंची पुलिस पर जब हमला हुआ तब फोर्स भेजने की सूचना दी गई, लेकिन पुलिस फोर्स को आने में यहां पर समय लगा। इसके अलावा घटना के कई घंटे बाद कलेक्टर और एसपी गांव में पहुंचे। तब तक पुलिस फोर्स ने हालात को काबू में कर लिया था।
आठ पार्टियां अब भी आरोपियों की तलाश में
एएसआई रामचरण गौतम की मौत के मामले में अब तक पुलिस ने 26 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि आठ पार्टियां अब भी अन्य आरोपियों की तलाश में जिले और बाहर भेजी गई है। गांव में फिलहाल हालात काबू में हैं, लेकिन यहां पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है। पुलिस के अफसर भी लगातार यहां पर बने हुए हैं।