Without Reason Angioplasty : सरकारी योजना का फायदा लेने के लिए बिना कारण 7 मरीजों की एंजियोप्लास्टी, 2 की मौत!

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Without Reason Angioplasty : सरकारी योजना का फायदा लेने के लिए बिना कारण 7 मरीजों की एंजियोप्लास्टी, 2 की मौत!

गांव से 19 मरीजों को लाए, यह अस्पताल सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए बदनाम!

Ahmedabad : यहां के एक निजी अस्पताल ने 7 मरीजों की बिना अनुमति के एंजियोप्लास्टी कर दी। इनमें से 2 की मौत हो गई। 5 मरीज आईसीयू में भर्ती हैं। यह मामला ख्याति हॉस्पिटल का है। आरोप है कि ये सभी ऑपरेशन अस्पताल के डॉ प्रशांत वजीरानी ने किए।

ख्याति हॉस्पिटल ने 10 नवंबर को महेसाणा जिले में कादी के बोरिसाना गांव में हेल्थ कैम्प लगाया था। वहां से 19 मरीजों को इलाज के लिए अहमदाबाद लाया गया। 17 मरीजों की एंजियोग्राफी की गई। इनमें से 7 मरीजों की एंजियोप्लास्टी कर दी गई। बाद में केस बिगड़ने के बाद महेश गिरधरभाई बारोट, नागर सेनमा की मौत हो गई। एक मृतक की बहू बोली कि मेरे ससुर को क्यों मारा, उन्हें कभी बुखार तक नहीं आया।

जानकारी मिलने पर गांव वालों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की। अस्पताल प्रबंधन के सभी बड़े अफसर फरार हैं। आरोप है कि ख्याति अस्पताल सरकारी योजना (पीएमजेएवाय) का फायदा उठाने के लिए इस तरह लाकर लोगों का इलाज करता है। डॉ प्रशांत वजीरानी पर आरोप है कि सभी ऑपरेशन इन्होंने ही किए।

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अस्पताल के डायरेक्टर और चेयरमैन फरार

अहमदाबाद नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख डॉ भाविन सोलंकी, स्टैंडिंग कमेटी अध्यक्ष देवांग दानी और पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल पूरे मामले की जानकारी लेने ख्याति अस्पताल पहुंचे। 11 नवंबर की शाम से कोई भी जिम्मेदार डॉक्टर मौजूद अस्पताल में मौजूद नहीं था। अस्पताल के डायरेक्टर और चेयरमैन फरार हैं। अस्पताल के आईसीयू में फिलहाल एक ही डॉक्टर मिला।

सरकारी स्वास्थ्य विभाग के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर डॉ यूएन मेहता और गांधीनगर स्वास्थ्य विभाग के 8 से 10 डॉक्टरों की एक टीम को ख्याति अस्पताल भेजा गया है। वे अस्पताल के आईसीयू में भर्ती 5 और अन्य वार्डों में भर्ती 10 मरीजों का इलाज और जांच की। पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के अधिकारियों ने अस्पताल प्रबंधन से बात की है। ख्याति मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर कार्तिक पटेल, डॉ संजय पटोलिया, राजश्री कोठारी और चिराग राजपूत हैं।

सरकारी योजनाओं के नाम पर घोटाला

इस अस्पताल ने 2022 में भी कैंप लगाया था। ख्याति हॉस्पिटल सरकारी योजनाओं के नाम पर घोटाला करने के लिए बदनाम है। इससे पहले भी 2022 में साणंद के तेलाव गांव में कैंप लगाकर लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया था और तीन मरीजों को स्टेंट लगाया गया, इनमें से एक मरीज की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की। एक बार फिर ख्याति हॉस्पिटल ने पीएमजेएवाय के नाम पर घोटाला किया है।

मृतक की बहू ने कहा कि उन्हें कभी बुखार भी नहीं आया

मृतक नागर सेनमा की बहू अमरतबे ने कहा कि मेरे ससुर को कभी बुखार तक नहीं आया। उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी। ऐसे अस्पतालों को सील करने की जरूरत है। आज जो हमारे साथ किया गया, वह दूसरों के साथ किया जाए तो क्या होगा? मेरे ससुर को क्यों मारा। उनकी पोती कोमल ने कहा रविवार को कैंप था और कहा गया कि सोमवार को आना है, जहां जांच होगी। हमारे गांव से 20-25 लोग गए थे। जब ऑपरेशन हुआ तो मैंने कुछ नहीं कहा, लेकिन बाद में रात को अस्पताल ने मेरे पिता को फोन किया और बताया कि आपके पिता की मृत्यु हो गई है। किसी का दस्तखत नहीं लिया गया और न हमें सूचना दी गई। हम चाहते हैं कि डॉक्टरों को सजा मिले।

बोरिसाना गांव के सरपंच कादी के अनुसार, सारा इलाज बिना किसी को सूचित किए कर दिया गया। 7 से 8 लोगों को भी स्टेंट लगाए हैं। इस पर गुस्साए ग्रामीणों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की। जैसे ही ग्रामीणों को पता चला तो बड़ी संख्या में लोग एसजी हाईवे स्थित अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल के डॉक्टरों और प्रबंधन से जवाब मांगा। जवाब नहीं मिलने पर तोड़फोड़ कर दी।

हम सभी पुलिस जांच में सहयोग करेंगे

ख्याति अस्पताल के सीईओ चिराग राजपूत ने कहा, कि 20 मरीजों को 11 नवंबर को अस्पताल आने के लिए कहा गया क्योंकि उन्हें आगे इलाज की जरूरत थी। वे स्वेच्छा से अहमदाबाद में हमारे अस्पताल आए, जहां सभी की एंजियोग्राफी हुई। 7 की एंजियोप्लास्टी हुई, जिनमें दो मरीजों की मौत हो गई। इनके परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। पुलिस जांच कर रही। हम सभी पुलिस जांच में सहयोग करेंगे।

क्या होती है एंजियोग्राफी और एंजीयोप्लास्टी

● एंजियोग्राफी मेडिकल प्रोसेस है, जरिए एक्स-रे की मदद से रक्त वाहिकाओं की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया से रक्त वाहिकाओं में रुकावट या अन्य असामान्यताएं पता चलती हैं।

● एंजियोप्लास्टी : इस मेडिकल प्रोसेस के जरिए धमनियों को चौड़ा किया जाता है। एंजियोग्राफी के दौरान अगर किसी धमनी में सिकुड़न (स्टेनोसिस) दिखाई देता है, तो एंजियोप्लास्टी के जरिए उस धमनी को फैलाया जाता है।