इंदौर लेखिका संघ ने साहित्यिक गतिविधियों के साथ ही सामाजिक कार्यों के नए नवाचार शुरू किए
अहिल्या लाइब्रेरी में पुस्तकें, 24 कुर्सियाँ , टेबल एवं पानी की टंकी सहयोग स्वरूप प्रदान की
इंदौर: कोरोना काल के बाद इंदौर लेखिका संघ ने साहित्यिक गतिविधियों के साथ ही सामाजिक बदलाव की दिशा में नए नवाचार शुरू किए हैं। संघ की संस्थापक स्वाति तिवारी ने इसके स्वरूप में बदलाव करने की दिशा में नए नवाचार शुरू किए हैं.
हाल ही में संस्था ने अपनी स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूर्ण करने के अवसर पर यह संकल्प लिया था कि अब हम लेखन के साथ साथ इंदौर शहर की प्रतिष्ठित साहित्यिक पुस्तकालय अहिल्या लाइब्रेरी के उन्नयन और आधुनिकीकरण के लिए सहयोग करते हुए लिए पाठकों के लिए इस पुस्तकालय को अधिक उपयोगी और सुविधा युक्त बनाने के लिए शासन द्वारा समाज की सहभागिता के भी विभिन्न प्रयास करेंगे .
इसी शृंखला में पुस्तकों के साथ साथ शहर में साहित्यिक गतिविधियाँ निरंतर बढ़ने के कारण बैठक व्यवस्था में कमी न रहे, इसे देखते हुए संस्था की सदस्यों मुन्नी गर्ग, शोभा दुबे , पद्मा विजयवर्गीय ने शासकीय श्री अहिल्या लाइब्रेरी में 24 कुर्सियाँ , टेबल एवं पानी की टंकी सहयोग स्वरूप प्रदान की। संस्था की वरिष्ठ सदस्य श्रीमती मुन्नीदेवी गर्ग द्वारा 12 कुर्सियां ,एक टेबल और मारवाड़ी युवा मंच के सोजन्य से पानी की टंकी इंदौर लेखिका संघ के माध्यम से भेंट की गयी . वरिष्ठ सदस्य श्रीमती शोभा दुबे और पद्मा विजयवर्गीय ने भी 6–6 कुर्सियां भेंट की .
एक औपचारिक कार्यक्रम में अहिल्या लाइब्रेरी की अध्यक्ष लिली डावर एवं लाइब्रेरी परामर्शदात्री समिति के सदस्य जयंत भिसे को सामग्री भेंट पत्र सौंपा। इस अवसर पर श्री जयंत भिसे ने कहा लेखिकाओं में प्रकृति प्रदत्त संवेदऩशीलता होती है इसलिए उन्होंने अनुभव कर लिया कि बैठने की व्यवस्था को कैसे ठीक करना है ,आज उनके द्वारा इस हेतु यह सामग्री पुस्तकालय को भेंट कर एक प्रेरणा दायक कार्य किया है .
संस्था का परिचय एवं स्वागत उद्बोधन देते हुए संस्था की अध्यक्ष विनीता तिवारी ने कहा जब भी इस तरह के सहयोग का अवसर आएगा हमारी सदस्याएं सदैव तत्पर रहेंगी । लेखिका मुन्नी गर्ग ने कहा सद्कर्म का संकल्प लेना ही इंसानियत की पहचान है और अच्छा काम करने के अवसर और माध्यम अपने आप बनते चले जाते हैं,निश्चय ही यह इश्वर की इच्छा से ही संभव होता है। पुस्तकालय प्रभारी श्रीमती लिली डावर ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा लेखन की सच्चाई सिर्फ किताबें लिख देने से ही नहीं होती ज़रूरत पड़ने पर उसे सामाजिक जीवन में भी दिखना चाहिए । इसके पूर्व भी लेखिका संघ से पुस्तकालय को साहित्यिक पुस्तकों से समृद्ध किया है .कार्यक्रम का संचालन संघ की महासचिव संध्या राय चौधरी ने किया .
बता दे कि इंदौर लेखिका संघ ,इंदौर शहर की महिलाओं द्वारा महिलाओं के लिए संचालित पहली साहित्यिक संस्था है, जो साहित्यिक संस्था के रूप विगत 26 वर्षों से कार्यरत है .उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा संस्था को उत्कृष्ट साहित्यिक संस्था के रूप में सम्मानित किया जा चुका है .
सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ .स्वाति तिवारी द्वारा स्थापित यह संस्था देश भर में अपनी एक अलग पहचान रखती है .संस्था ने गृहिणियों की लेखन अभिव्यक्ति को एक मंच प्रदान करते हुए महिलाओं की पठन- पाठन और लेखकीय प्रतिभा को समाज के सामने लेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है .संस्था के बैनर तले लेखन की शुरुवात करनेवाली अनेक महिलायें आज स्थापित लेखक है .इंदौर शहर में साहित्यिक संस्थाएं बनाने वाली अधिकाँश महिलाएं इंदौर लेखिका संघ की सदस्य रही है एवं इसी से प्रेरित होकर नयी संस्थाएं बना रही है .
विश्व कविता दिवस पर:लेखिका संघ इंदौर से कुछ कवितायेँ /
आइये पढ़ते हैं , इंदौर लेखिका संघ ,इंदौर से कुछ कथाएं (pratham kisht )