1400 रुपये किलो हुआ जीरा, क्या और रुलाएगी महंगाई

612

1400 रुपये किलो हुआ जीरा, क्या और रुलाएगी महंगाई

हरी सब्जियों के साथ- साथ मसाले भी किचन के महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ हैं. इसके बगैर स्वादिष्ट और खुशबूदार सब्जियों की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.

हिन्दुस्तान अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, टमाटर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. पिछले कुछ दीनों के अदंर टमाटर की कीमत में 100 रुपये से अधिक की टिरावट आई है. अब दिल्ली- एनसीआर सहित कई शहरों में टमाटर 100 रुपये किलो से निचे आ गया है. कई जगहों पर यह 80 रुपये किलो भी बिक रहा है. इसी तरह खीरा, लौकी, भिंडी, करेला, परवल और बैंगन की कीमतों में भी कमी आई है. अब ये हरी सब्जियां 50 से 60 रुपये किलो बिक रही हैं. जबिक पिछले महीने तक खीरे को छोड़कर सभी सब्जियां 80 से 120 रुपये किलो बिक रही थीं.

जीरा 1200 रुपये किलो बिक रहा था

वहीं, मसाले की कीमत कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है. 15 दिन पहले तक जो जीरा 1200 रुपये किलो बिक रहा था, अब उसकी कीमत 1400 रुपये हो गई है. यानि कि जीरा सस्ता होने के बजाए और महंगा ही हो गया है. ऐसे में गरीब जनता ने खाने में जीरा का तड़का लगाना बंद कर दिया है. जिससे सब्जियों और दाल का स्वाद बिगड़ गया है. इसी तरह हल्दी, धनिया, लौंग, दालचीनी और लाल मिर्च सहित दूसरे मसालों की कीमत में भी तेजी आई है. कहा जा रहा है कि मार्केट में सप्लाई की कमी होने की वजह से मसालों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है.

 

जीरा बिना अधूरा है भारतीय खाने का 'तड़का', औषधीय गुणों से भरपूर है ये मसाला - cumin benefits history and interesting facts of it in hindi rada – News18 हिंदी

 

किसान कर रहे मसालों का स्टॉक

वहीं, जानकारों का कहना है कि किसान अपने स्तर पर भी मसालों का स्टॉक कर रहे हैं. इससे मार्केट में मसालों की कमी हो गई है. ऐसे में कीमतें मानसून कमजोर होने के बाद भी कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही हैं. ऐसे किसी भी मौसम में मसालों की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की जाती है. लेकिन इस बार जीरा और सोंठ सहित कई मसाले दोगुने से भी अधिक महंगे हो गए हैं.