
झालावाड़ में जर्जर बिल्डिंग गिरने से 4 बच्चों की मौत, 40 से ज्यादा दबे; दौड़ा प्रशासन, उठे सवाल
Jhalawar राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत का गिरना शुक्रवार सुबह पूरे इलाके के लिए दुखद और झकझोर देने वाली त्रासदी बन गया। दर्द और दहशत के बीच दर्जनों परिवारों की उम्मीदें पलभर में चकनाचूर हो गईं, जब कक्षाओं में पढ़ने आए मासूम बच्चे हादसे का शिकार हो गए। सरकारी तंत्र, ग्रामीण, शिक्षक और परिजन सभी एकसाथ बच्चों को मलबे से निकाले जाने की जद्दोजहद में जुट गए, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
दांगीपुरा थाना क्षेत्र के पीपलोदी गांव के इस सरकारी स्कूल की इमारत काफी समय से जर्जर थी, बावजूद इसके कोई मरम्मत नहीं हुई। शुक्रवार सुबह करीब 50 बच्चे स्कूल में मौजूद थे, तभी अचानक छत भरभराकर गिर पड़ी। स्कूल की छत और दीवारों की खस्ताहाली पर कई बार स्थानीय लोगों द्वारा रेखांकित की गई थी, लेकिन उजाड़ ढांचे की अनदेखी ने आज 4 मासूमों की सांसें छीन लीं और 40 के करीब बच्चों को मौत के साए में धकेल दिया। हालांकि तुरंत गांव के लोग और स्टाफ हरकत में आए, बच्चों को बाहर निकालने के लिए चार जेसीबी भी बुलाई गईं और राहत व बचाव दल के साथ जिला प्रशासन भी मौके पर जुट गया।
अब तक मलबे से 8 बच्चों को निकालकर प्राथमिक इलाज के लिए मनोहर थाना अस्पताल पहुंचाया गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल बच्चों को झालावाड़ के बड़े अस्पताल रेफर किया गया है। जिला कलेक्टर, प्रशासनिक और पुलिस अफसर मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। पीड़ित परिवारों को मौके पर सहायता व इलाज मुहैया कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना पर शोक जताया है और कड़े निर्देश दिए हैं कि सभी घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित किया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ईश्वर से जनहानि ना हो, इसकी प्रार्थना की है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि हादसे के दोषियों की जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी, और बच्चों की सुरक्षा से समझौता कतई बर्दाश्त नहीं होगा। घटना के दौरान अफरातफरी का आलम रहा- अस्पताल में परिजनों की भीड़ के साथ हर आंख नम थी और हर मन गुस्से में।
VIDEO | Jhalawar, Rajasthan: Roof of Piplodi Primary School collapses, several children feared trapped. Rescue operations underway.#RajasthanNews #Jhalawar
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/K0STKQwP0A
— Press Trust of India (@PTI_News) July 25, 2025
दरअसल, यह कोई पहली घटना नहीं। बीते कुछ महीनों में राज्य में स्कूलों की बिल्डिंग गिरने और मरम्मत की अनदेखी से तीन बड़े हादसे हो चुके हैं। बीकानेर और बाड़मेर में भी बच्चों ने जान गंवाई है, तो करौली के स्कूल की छत से पानी टपकने की खबरें हाल ही में वायरल हुई थीं। सरकारी दावों, ऑडिट रिपोर्ट और योजनाओं के बावजूद जमीनी लापरवाही हर बार मौत में बदल रही है।

*महत्वपूर्ण बिंदु- एक नजर में*
1. शुक्रवार सुबह झालावाड़ के पीपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की छत गिर गई।
2. हादसे में अब तक 4 बच्चों की मौत, 40 से ज्यादा के दबे होने की आशंका।
3. 8 बच्चों को निकालकर अस्पताल भेजा गया, गंभीर हालत वाले बच्चों को झालावाड़ रेफर।
4. मौके पर 4 जेसीबी, राहत दल व प्रशासन मुस्तैद; रेस्क्यू तेजी से जारी।
5. बिल्डिंग जर्जर थी, फिर भी समय पर मरम्मत नहीं हुई।
6. शिक्षा मंत्री ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और बच्चों की सुरक्षा का भरोसा दिलाया।
7. राज्य में स्कूल बिल्डिंग गिरने की यह तीसरी बड़ी घटना; बीकानेर और बाड़मेर में पहलें भी मासूमों की मौत।
8. घटना के बाद सरकारी सिस्टम के अमले और जवाबदेही पर फिर से भारी सवाल।
9. मुख्यमंत्री, पूर्व सीएम और आला अफसरों की संवेदनाएं और त्वरित राहत के निर्देश।
10. ग्रामीण, स्कूल स्टाफ, अभिभावक, प्रशासन सभी मिलकर बचाव कार्य में जुटे।
*आगे की प्रक्रिया*
रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। घायल बच्चों का इलाज प्राथमिकता पर किया जा रहा है। जिला कलेक्टर की निगरानी में पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होगी। सरकार ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं और भविष्य में सभी जर्जर स्कूल भवनों की तुरंत समीक्षा/मरम्मत कराने का भरोसा दिलाया है। साथ ही, पीड़ित परिवारों के सहयोग और बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने विशेष मॉनिटरिंग शुरू कर दी है।





