Screws On Contractors: अव्यवहारिक दरों पर निकायों में ठेका लेने वालों पर कसा शिकंजा

अनुबंध न करने पर अमानत राशि होगी राजसात, दो साल के लिए होंगे प्रतिबंधित

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Screws On Contractors: अव्यवहारिक दरों पर निकायों में ठेका लेने वालों पर कसा शिकंजा

भोपाल: प्रदेश के नगरीय निकायों में निर्माण कार्यो के ठेके लेने अव्यवहारिक दरें प्रस्तावित करने वाले ठेकेदारों पर अब नगरीय प्रशासन विभाग शिकंजा कसने जा रहा है। निर्माण कार्यो के लिए अनुबंध न करने वाले ठेकेदारों की अमानत राशि भी राजसात की जाएगी और उन्हें निकायों के कामों के लिए दो साल के लिए प्रतिबंधित भी किया जाएगा।

नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई के मुताबिक
निकायों में एसओआर से दस प्रतिशत से नीचे की दरों पर ठेका लेने वाले ठेकेदारों से अब अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी लेने के साथ उनके काम की गुणवत्ता और समयसीमा की मानीटरिंग भी की जाएगी। गुणवत्ता में कमी आने, अनुबंध न करने और कार्यपूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों को काली सूची में डाला जाएगा और भविष्य में उन्हें काम नहीं दिया जाएगा। निविदा में भाग लेने वाले निविदाकारों का परीक्षण लोक निर्माण विभाग की ब्लैक लिस्ट सूची से किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग में ब्लैक लिस्ट होंने पर ठेकेदार का ठेका निरस्त किया जाएगा।

अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी जमा होंने पर उसकी सत्यता का परीक्षण बैंक से कराकर ही अनुबंध संपादित किया जाएगा। जो ठेकेदार अनुबंध नहीं करेंगे इस स्थिति में ठेके दार की अमानत राशि ( बिड सिक्युरिटी) को राजसात करने की कार्यवाही की जाएगी ।

काम की गुणवत्ता की होगी मानीटरिंग-
ऐसे काम जिनमें अव्यवहारिक दरें प्राप्त होती है उनमें गुणवत्ता नियंत्रण पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य निर्धारित मापदंड अनुसार ही कराया जाएगा। ऐसे काम समयसीमा में पूर्ण नहीं किेये जाते है इसके लिए कार्य के प्रभारी यंत्री एवं आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रगति की सतत निगरानी कर यह सुनिश्चित करेंगे कि यह कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरा हो। संभग स्तर पर अधीक्षण यंत्री और कार्यपालन यंत्री भी ऐसे कार्यो की गुणवत्ता और प्रगति की मानीटरिंग करेंगे।