जेल में खटमलों ने ‘खा लिया जीवित इंसान’- परिवार का दावा

परिवार के वकील माइकल डी हार्पर ने उनके शव की तस्वीरें जारी की हैं जिसमें उनके शव पर लाखों कीड़ों और खटमलों को देखा जा सकता है.

1108

मेरिका की अटलांटा जेल की एक कोठरी में एक व्यक्ति की मौत हो गई है जिसके बाद व्यक्ति के परिवार के वकील ने आरोप लगाया है कि ‘जेल में कीड़ों और खटमलों ने उन्हें जीवित खा लिया.’

लाशॉन थॉम्पसन को दुराचार के आरोप में जेल की सज़ा हुई थी. जजों ने उन्हें मानसिक तौर पर बीमार घोषित किया था जिसके बाद उन्हें फुलटॉन काउंटी जेल की साइकियाट्रिक शाखा में रखा गया था.

थॉम्पसन के परिवार के वकील माइकल डी हार्पर ने उनके शव की तस्वीरें जारी की हैं जिसमें उनके शव पर लाखों कीड़ों और खटमलों को देखा जा सकता है.

माइकल हार्पर ने संवाददाताओं को बताया कि वो इस मामले में आपराधिक जांच की मांग की जा रही है और ये मामला फिलहाल अदालत में है.

129370765 ae2a98db 20bd 48c3 abe4 5f401b75d3e5

उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, “थॉम्पसन जेल की एक बेहद गंदी कोठरी में मृत पाए गए थे. उन्हें कीड़ों और खटमलों ने ज़िंदा खा लिया था. जिस कोठरी में उन्हें रखा गया था वो किसी बीमार जानवर को रखने लायक भी नहीं थी. वो इस तरह की मौत के हकदार नहीं थे.”

अमेरिकी न्यूज़ वेबसाइट यूएसए टुडे के अनुसार फुलटॉन काउंटी जेल की डॉक्टर की रिपोर्ट में कहा गया है कि थॉम्पसन को गिरफ्तार करने के तीन महीनों के बाद 19 सितंबर को वे जेल की कोठरी में अचेत अवस्था में मिले थे.

रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय पुलिस और मेडिकल कर्मचारियों ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

वहीं अमेरिका में बीबीसी के मीडिया पार्टनर सीबीएस न्यूज़ ने कहा है माइकल हार्पर का आरोप है कि जेल अधिकारियों और डॉक्टरों को इस बात का पता था कि थॉम्पसन की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है लेकिन उन्होंने उनकी मदद करने की या उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की.

डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साइकियाट्रिक शाखा की जेल के उनके कमरे में “खटमलों की गंभीर समस्या थी,” हालांकि रिपोर्ट में कहीं भी ये नहीं कहा गया है कि उनके शरीर में इस कारण किसी तरह के घाव या चोट के निशान थे.

रिपोर्ट में मौत के कारण के बारे में लिखा गया है कि अब तक इसका निर्धारण नहीं किया जा सका है.

क्या जानलेवा हो सकते हैं खटमल?

माइकल हार्पर ने जो तस्वीरें जारी की हैं उनमें थॉम्पसन के चेहरे और छाती के हिस्से में सैंकड़ों की संख्या में खटमल देखे जा सकते हैं.

कुछ तस्वीरें जेल के उस कमरे की हालत भी दर्शाती हैं, जहां थॉम्पसन को रखा गया था.

खटमलों के जानकार और केंटकी यूनिवर्सिटी में कीटविज्ञानी माइकल पॉटर कहते हैं जेल की तस्वीरों में जो स्थिति दिख रही है वो “डराने वाली हैं.”

वो कहते हैं, “20 से अधिक सालों से मैं खटमलों से जुड़े मामलों पर शोध कर रहा हूं. जो तस्वीरें मैं देख रहा हूं अगर वो सही तस्वीरें हैं तो मैंने आज से पहले कभी इस तरह का मामला नहीं देखा.”

वो कहते हैं कि खटमलों का काटना अक्सर जानलेवा नहीं होता लेकिन कुछ मामलों में अगर व्यक्ति लंबे वक्त तक खटमलों से जूझता है तो उसके शरीर में खून की गंभीर कमी हो सकती है. अगर इसका इलाज नहीं किया गया तो ये जानलेवा हो सकता है.

माइकल पॉटर कहते हैं, “खटमल ख़ून पीते हैं और साफ बात है कि बड़ी संख्या में खटमल आपके शरीर से अधिक खून चूसेंगे” जिससे व्यक्ति को एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है.

वो समझाते हैं कि शरीर की अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है. संक्रमण से बचने की कोशिश में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता एक तरह का केमिकल छोड़ती है.

पॉटर कहते हैं कि अगर ये केमिकल अधिक मात्रा में छोड़ा गया तो इससे रक्तचाप अचानक कम हो सकता है और व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है. इस स्थिति को एनाफ़ायलैटिक शॉक कहा जाता है जो जानलेवा हो सकता है.

मामले में पुलिस ने शुरू की जांच

फुलटॉन काउंटी शेरिफ़ के दफ्तर ने इस मामले में एक बयान जारी कर कहा है कि इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.

बयान में लिखा है, “ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मौजूदा सुविधाएं चरमराने वाली अवस्था में हैं और तेज़ी से और भी बिगड़ती जा रही हैं. ऐसे में सभी कैदियों और कर्मचारियों को स्वच्छ, व्यवस्थित और स्वस्थ माहौल देना बेहद मुश्किल है.”

फुलटॉन काउंटी जेल का संचालन शेरिफ़ का दफ्तर ही करता है. शेरिफ़ दफ्तर का कहना है कि थॉम्पसन की मौत का कारणों की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है.

इसके अलावा बयान में कहा गया है कि “फुलटॉन काउंटी जेल में खटमलों, जूंओं और कीड़ों की समस्या से निपटने के लिए तुरंत 5 लाख डॉलर की व्यवस्था की गई है.”

बयान में कहा गया है कि “जेल के हालातों की निगरानी के लिए सुरक्षा दौरे से जुड़े प्रोटोकॉल को भी अपडेट किया गया है.”

“जांच में कैदियों को दी जा रही मेडिकल सुविधाओं के बारे में भी विस्तृत पड़ताल की जा रही है, इससे ये भी पता चलेगा कि इस मामले में आपराधिक अपराध तय किए जाएंगे.”

शेरिफ़ के दफ्तर ने ये भी कहा कि यहां एक नई और बड़ी जेल बनाई जानी चाहिए जहां “कैदियों के लिए बेहतर सुविधाएं, मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, सुरक्षा और साफ-सफाई हो.”

फुलटॉन काउंटी जेल के बारे में पहले भी कहा जाता रहा है कि यहां कैदियों की संख्या काफी अधिक है, उनके लिए मूल सुविधाओं का घोर अभाव है और साथ ही यहां की सुविधाओं के लिए बजट कम है.

बीते साल साउथर्न सेंटर फ़ॉर ह्यूमन राइट्स ने ‘अनकंटेन्ड आउटब्रेक्स ऑफ़ लाइस, स्केबीज़ लीव पीपल एट फुलटॉन जेल डेजरेसली मालनोरिश्ड’ (फुलटॉन जेल में जुंओं और चर्मरोग के अनियंत्रित प्रकोप के कारण बुरी तरह कुपोषित कैदी) नाम का एक बयान जारी किया था.

रिपोर्ट में संस्था ने कहा था कि जेल के सामने कई तरह की मुश्किलें हैं. संस्था ने अपनी रिपोर्ट में “भविष्य में कीड़ों का प्रकोप रोकने” और जेल में साफ सफाई बढ़ाने की भी सलाह दी थी.

source:bbc