Amritpal Arrested: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ने सरेंडर किया, भिंडरावाले के गांव पहुंचकर गुरुद्वारे में प्रवचन भी दिया!

गिरफ्तारी के बाद उसे बठिंडा से असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जा रहा!

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Amritpal Arrested: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ने सरेंडर किया, भिंडरावाले के गांव पहुंचकर गुरुद्वारे में प्रवचन भी दिया!

Moga (Punjab) : खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख अमृतपाल सिंह को मोगा से गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि मोगा के गांव रोड़े के गुरुद्वारा में सरेंडर करने से पहले उसने गुरुद्वारा साहिब से संबोधित किया। यह भी खलिस्तान समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाला का गांव है। यही उसकी दस्तारबंदी हुई थी।

अमृतपाल ने कहा कि उसके जैसे आते जाते रहेंगे। लेकिन, युवा नशे छोड़े और अमृत ग्रहण करे। गिरफ्तारी के बाद उसे बठिंडा एयरपोर्ट से असम के डिब्रूगढ़ भेजा जाएगा। डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल सिंह के कईं साथी कैद हैं। कहा जा रहा है कि बठिंडा एयरपोर्ट पर ही अमृतपाल सिंह का मेडिकल होगा।
फरार अमृतपाल सिंह 36 दिन बाद पुलिस के हाथ लगा है। पुलिस कई दिनों से देश के कई हिस्सों में तलाश कर रही थी। उसने भी अपने समर्पण को लेकर कई बार संदेश भेजे, लेकिन वह अब तक गिरफ्त से बाहर रहा।

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पंजाब पुलिस पहले ही इस खालिस्तान समर्थक के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा चुकी है। अमृतपाल सिंह 18 मार्च से फरार चल रहा था। जबकि उसके और उसके सहयोगियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी थी।

खालिस्तान विचारधारा का पाठ दुबई में पढ़ा
खलिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है। इसने करीब पांच महीने पहले ही इस संगठन की बागडोर संभाली थी। अमृतपाल अमृतसर के गांव जंडुपुर खेरा का रहने वाला है। 2012 से पहले ही अमृतपाल का परिवार दुबई चला गया था। वहां परिवार ने ट्रांसपोर्ट का काम शुरू कर दिया। 2013 में दुबई में ट्रांसपोर्ट का कामकाज अमृतपाल देखने लगा।

2022 के अगस्त में अमृतपाल दुबई से अकेला पंजाब आया था। खालिस्तानी विचारधारा का पाठ उसे दुबई में ही पढ़ाया गया है। अक्तूबर में अमृतपाल ने जरनैल सिंह भिंडरावाला के गांव रोडे में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के नए मुखिया के तौर पर ओहदा संभाला। यह संगठन दिल्ली हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू ने बनाया था। इस दौरान अमृतपाल ने खुद को जरनैल सिंह भिंडरांवाला का अनुयायी बताते हुए सिख युवाओं को अगली जंग के लिए तैयार होने का आह्वान किया। इसके बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई थी। उसके बारे में जांच शुरू की गई।