सस्ती शराब में महंगे EAL लेवल लगाने के मामले में अब तक कार्रवाई नहीं, जांच रिपोर्ट का इंतजार
भोपाल: प्रदेश में सस्ती शराब को महंगे दामों पर बेचने के लिए शराब की बोतलों में बारकोड होलोग्राम (एक्साइज एडहेजिव लेवल EAL) में सामने आई गड़बड़ी पर अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ है। आबकारी आयुक्त ने कहा है कि अभी इस मामले में जिलों और संभागों से जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है वहीं दूसरी ओर इस मामले में एसआईटी गठित नहीं किए जाने और किसी पर जिम्मेदारी तय नहीं होने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
विभाग के अफसर इस काम के लिए जिम्मेदार मानी जा रही फैक्ट्रियों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। साथ ही दुकानों से भी ऐसी शराब बोतलों की जांच किए जाने में हीला हवाली की जा रही है। ऐसे में विभाग एसआईटी गठित कर इसकी जांच सौंपी जा सकती थी पर अभी प्रारंभिक रिपोर्ट के नाम पर एक्शन बाकी है। पिछले दिनों यह मामला उजागर होने के बाद आबकारी आयुक्त ने सभी उपायुक्त आबकारी उड़नदस्ता से शराब की बोतलों पर चस्पा किए जा रहे एक्साइज एडहेजिव लेवल (EAL) को स्कैन किए जाने के संबंध में रिपोर्ट देने निर्देश जारी किए थे। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में स्थापित कुछ शराब इकाइयों द्वारा भेजी जा रही शराब की बोतलों में चस्पा किए जा रहे होलोग्राम पर अंकित बारकोड को स्कैन किए जाने पर गलत जानकारी सामने आ रही है। इसलिए अपने क्षेत्र की देसी, विदेशी शराब के स्टोर का निरीक्षण कर वहां स्टोर की गई विभिन्न ब्रांड की शराब बोतलों की सेंपलिंग करके स्कैन करें। यह देखें कि किन किन ब्रांड की शराब में इस तरह की गड़बड़ी सामने आ रही है और इसका प्रतिशत क्या है?
अधिकारियों से कहा गया है कि अधीनस्थ कम्पोजिट शराब दुकानों में भी बोतलों की सेंपलिंग का स्कैन कर रिपोर्ट देना है। यहां EAL की संपूर्ण प्रक्रिया का अध्ययन कर उसकी जानकारी देने के लिए कहा गया है। इसमें सेंपल किए गए बाटल की वास्तविक इकाई, ब्रांड का नाम, स्कैन के बाद की स्थिति समेत पूरी डिटेल रिपोर्ट आबकारी मुख्यालय ने मांगी है।
*भोपाल, इंदौर संभाग में सबसे अधिक गड़बड़*
सबसे अधिक गड़बड़ इंदौर और भोपाल संभाग के जिलों में है। इंदौर और भोपाल कस्टमर और दुकानों के कर्मचारियों के बीच विवाद की स्थिति भी सामने आई है। यहां शराब खरीदने वाले कस्टमरों द्वारा होलोग्राम स्कैन करने पर गड़बड़ पाई गई जिसके बाद ग्राहकों और दुकानों के कर्मचारियों के बीच बहस भी हुई है। इस मामले में फर्जी बारकोड लगाने पर ईओडब्ल्यू में एफआईआर कराने के लिए भी तैयारी ग्राहकों ने की है।