ई लर्निंग सेंटर में खरीदी में गंभीर अनियमितता के चलते स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य और सहायक प्राध्यापक निलंबित

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ई लर्निंग सेंटर में खरीदी में गंभीर अनियमितता के चलते स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य और सहायक प्राध्यापक निलंबित

बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट

बड़वानी : मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने ई लर्निंग सेंटर खरीदी गंभीर आर्थिक अनियमितता करने के आरोप में शासकीय भीमा नायक स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य और शासकीय मॉडल महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दोनों पर तत्कालीन जिला कलेक्टर तथा जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष शिवराज सिंह वर्मा के पत्र पर कार्यवाही हुई है।

आज जारी के आदेश के मुताबिक शासकीय भीमा नायक स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एन एल गुप्ता तथा शासकीय मॉडल महाविद्यालय बड़वानी के रसायन शास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ प्रमोद पंडित को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

उन दोनों पर जनभागीदारी मद से शासकीय भीमा नायक स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ई लर्निंग सेंटर में कंप्यूटर तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामग्री क्रय करने में गंभीर अनियमितता करने का आरोप है।

प्राचार्य गुप्ता ने सामग्री क्रय प्रक्रिया के अंतर्गत तकनीकी बिड में से चार फर्म के अपात्र होने के बावजूद तकनीकी समिति द्वारा तीन फर्मों को पात्र कर क्रय के आदेश जारी कर दिए। प्राचार्य के द्वारा सामग्री मानकों के अनुरूप प्राप्त नहीं तथा थर्ड पार्टी के सत्यापन के बिना ही भुगतान कर वित्तीय अनियमितता की गई ।

प्राचार्य द्वारा सक्षम स्वीकृति से अधिक धनराशि से तीन प्रकार के उपकरणों/ सामग्री का क्रय कर 14.58 लाख रुपए का भुगतान कर शासकीय धन का दुरुपयोग किया गया। प्राचार्य द्वारा वास्तविक तथ्यों को जनभागीदारी अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत नहीं करने एवं भुगतान पूर्व जनभागीदारी अध्यक्ष की स्वीकृति के बिना ही भुगतान कर गंभीर लापरवाही की गई है।

सहायक प्राध्यापक डॉ प्रमोद पंडित शासकीय भीमा नायक स्नातकोत्तर महाविद्यालय की ई लर्निंग सेंटर के लिए की गई संपूर्ण प्रक्रिया में नोडल अधिकारी थे । तत्कालीन जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा के पत्र के मुताबिक उन्होंने संपूर्ण प्रक्रिया मध्य प्रदेश भंडार क्रय नियम 2015 के अनुरूप नहीं की।

दोनों का कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होने के कारण राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा( वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।