Attempt To Grab Leased Land : 85 एकड़ खेती की जमीन पर भूमाफिया की नजर!

18 पट्टाधारियों को भरण-पोषण के लिए पट्टे दिए, उनकी अफरा-तफरी की साजिश!

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Attempt To Grab Leased Land : 85 एकड़ खेती की जमीन पर भूमाफिया की नजर!

Indore : जिले की रंगवासा पंचायत स्थित करोड़ों रुपए की पट्टे की जमीन पर भू-माफियाओं की गिद्ध द़ृष्टि पड़ गई। इस जमीन पर अभी खेती-किसानी की जा रही है, पर भू-माफिया अब इस सरकारी जमीन कॉलोनी काटने की तैयारी में है। इसके खिलाफ ग्रामीणों ने कलेक्टर को शिकायत की है। शिकायत के बाद अब शिकायतकर्ताओं को धमकी भरे फोन आ रहे हैं।
जानकारी अनुसार भूमिहीन किसानों को भरण पोषण के लिए शासन ने जमीन दी। करीब 18 लोगों को इस दो-दो बीघा जमीन के पट्टे भी दिए गए थे, ताकि उन्हें जीवन-यापन में आगे कोई परेशानी नहीं आए। इस बात को सालों बीत गए। अब ये जमीन अरबों रुपए की हो गई है और इस पर भू-माफियाओं की नजर पड़ गई। इनके खिलाफ हुई शिकायत में उल्लेख किया है कि 1959-60 में शासकीय पट्टेदार के रूप में कृषि कार्य के लिए भरण पोषण की शर्तों पर दी गई थी। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि भू-माफिया राहुल तंवर, हेमचंद मितले, शिवा गारी, राजेश ठाकुर इस पट्टे की जमीन पर कॉलोनी काटने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने किसानों के साथ सौदा करने की भी योजना बनाई है।

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सरकारी जमीन बेची नहीं जा सकती
नियम के अनुसार जिस जमीन (भूखंड) का पट्टा सरकार द्वारा दिया जाता है, वह सरकारी होती है। पट्टे की शर्तों के मुताबिक इस जमीन को न तो पट्टेदार बेच सकता है और न कोई इसे खरीद सकता है। इसके बाद भी उच्च स्तर की सांठगांठ के चलते भू-माफिया इस पर नजर गड़ाए हैं। वे चाहते हैं कि किसानों को औने-पौने दाम देकर जमीन की लिखा-पढ़ी अपने नाम करवा ली जाए और कॉलोनी काटकर लोगों को ऊंची कीमतों में बेच दिया जाए। बाद में खरीददार उलझा रहे और बेचने वाले इससे करोड़ों रुपए कमाकर निकल जाएं। लेकिन, मामले की शिकायत प्रशासन को हो गई और अब भू-माफियाओं की करोड़ों की कमाई पर रोक लगाने से संबंधित शिकायत करने वाले शिकायतकर्ताओं को अब धमकी भरे फोन आ रहे हैं।

जमीन का क्षेत्र 87 एकड़
बताया जा रहा है कि सभी 18 पट्टों को मिलाकर जोड़ा जाए तो यह 87 एकड़ जमीन होती है। इस जमीन पर किसान सिर्फ खेती कर सकता है। वहीं इसी जमीन के पास ही 40 हेक्टेयर पर इंदौर नगर निगम की 44 हाईराइज मल्टी बन रही है, जिसमें से करीब 30 मल्टी निर्माणाधीन है। इनका निर्माण प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हो रहा है।