रॉयल महाविद्यालय कैम्पस परिसर में हुआ वन महोत्सव का शुभारंभ

हजार फलों के पौधों को रोपने का लक्ष्य

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रॉयल महाविद्यालय कैम्पस परिसर में हुआ वन महोत्सव का शुभारंभ

Ratlam : कॉलेज कैम्पस की 65 बीघा भूमि पर 1 हजार फलों के पेड़ों की उन्नत किस्म के पौधें रोपे जा रहे हैं। 1 जुलाई से 7 जुलाई तक चलने वाले वन महोत्सव सप्ताह के अंतर्गत कैम्पस में वृक्षारोपण किया जा रहा है। वृक्षारोपण अवसर पर महाविद्यालय के चेयरमेन प्रमोद गुगालिया, निर्देशक डाॅं.उबेद अफजल, प्रशासक दिनेश राजपुरोहित, एचओडी कपिल केरोल एवं डॉ. अमित शर्मा उपस्थित रहे। इस अवसर पर संस्था प्रमुख गुगालिया ने कहा कि वृक्षारोपण मानव समाज का सांस्कृतिक दायित्व है क्योंकि वृक्षारोपण हमारे जीवन को सुखी एवं संतुलित बनाए रखता है। वनों की गोद में ही गुरूकुल की स्थापना की गई थी। इन गुरूकुलों में अर्थशास्त्री, दार्शनिक तथा राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगने वाले बंधु शिक्षा ग्रहण करते थे। इसीलिए वृक्षारोपण हमारी संस्कृति में समाहित है।

वृक्षारोपण अवसर पर संस्था के डायरेक्टर डॉ. उबेद अफजल ने बताया कि महाविद्यालय परिसर में अभी आम, सीताफल, अनार, चीकू, जामफल, नीबू, संतरा, मौसंबी, चैरी, कीवी, पपीता, आडू, लीची, अखरोट, बादाम, काजू, बेलपत्र, आंवला, अंजीर, वाइट एप्पल, बरडोली जामुन, करौंदा, शहतुत, केला, नारियल, अंग्रेजी इमली आदि के 1 हजार पौधे लगाये जा रहे हैं तथा महाविद्यालय परिसर में पहले से लगभग 1 हजार फलों, फूलों व छायादार वृक्षों के पेड़ों को लगाया गया है।

डाॅ. अफजल ने यह भी बताया कि राॅयल महाविद्यालय परिसर को गुरूकुल की प्रणाली के आधार पर विकसित किया गया है, वर्तमान में महाविद्यालय में फूलों के गार्डन, लोटस गार्डन, रोज गार्डन के साथ कई फव्वारे भी स्थापित किए गए हैं।महाविद्यालय में आस्ट्रीच, बतख, खरगोश आदि प्राणियों को भी पाला गया है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कैम्पस के हरा भरा होने से ना सिर्फ अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रदुषण मुक्त वातावरण मिलता है। जिसके कारण महाविद्यालय में नियमित आने की इच्छा होती है, साथ ही उन्हें पढ़ाई में एकाग्रता का अहसास होता है।