नाबालिग के साथ बलात्‍कार के आरोपी को 20 वर्ष का कठोर कारावास, DNA टेस्ट होने पर अपराध सिद्ध हुआ

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Ratlam News

रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

रतलाम-शादी का झांसा देकर अपने घर ले जाकर बालिका के साथ बलात्कार करने और गुजरात के सूरत ले जाकर उसके साथ चार माह तक अनैतिक कार्य करते रहने और बालिका के गर्भवती हो जाने पर वापस बांगरोद लाकर छोड़ कर भाग जाने के मामले में न्यायालय श्रीमान योगेन्द्र कुमार त्यागी विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट ने अभियुक्त ईश्वर पिता बारजी डामर उम्र 22 वर्ष को धारा 5जे(ii)/6 एवं 5एल/6 पाक्सो एक्ट में 20-20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2000-2000रु अर्थदंड तथा धारा 366क, धारा 376(2)(एन) भादवी में 10-10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000-1000रु के अर्थदंड से दंडित किया गया ।

क्या था मामला
अभियोजन मिडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने बताया कि साढे सोलह वर्षीय अवयस्‍क पीडिता 05.दिस.19 को स्‍कूल से घर जा रही थी तभी आरोपी ईश्‍वर जो उसकी बहन के यहां आता जाता रहता था इस कारण अवयस्‍क पीडिता उसे जानती थी, आया और बहला फुसलाकर शादी करने का झांसा देकर पीड़िता को अपने घर बोरपाडा रावटी ले गया और उसके साथ जबरदस्‍ती दुष्कर्म किया।

इसके बाद आरोपी ईश्‍वर उसे सुरत गुजरात ले गया और 4 माह के बाद वह उसे लेकर रतलाम के बांगरोद आया।तब तक पीडिता गर्भवती हो चुकी थी फिर दिनांक 17.मई.20 को पीड़िता नेअपने भाई को फोन कर घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। तब पीडिता का भाई उसे लेने के लिए बांगरोद आया जिसे देखकर आरोपी ईश्‍वर भाग गया। पीडिता को लेकर भाई घर गया और घर पर पीडिता ने अपने माता-पिता को घटना बतायी और रिपोर्ट करने थाने पर पहुंची।

पीडिता द्वारा बतायी गयी घटना पर थाना सैलाना द्वारा अपराध क्रं. 128/2020 धारा 363, 366ए, 376(1),376(2)(एन) भादवि एवं 5जे(ii)/6 एवं 5एल/6 पॉक्‍सो एक्‍ट में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। दिनांक 07.जुलाई.20 को आरोपी ईश्‍वर को गिरफ्तार कर न्‍यायालय में पेश किया जहां से आरोपी को जेल भेजा गया था।

और अभियोग पत्र 31.जुलाई.20 को विशेष न्‍यायालय के समक्ष पेश किया गया।विशेष न्‍यायालय में अभियोजन द्वारा तर्क प्रस्‍तुत किए गए कि घटना का समर्थन करते हुए पीडिता ने बताया कि आरोपी द्वारा ही उसके साथ लैंगिक शोषण कर उसे गर्भवती किया गया। प्रस्‍तुत डीएन रिपोर्ट भी पीडिता से जन्‍मे बच्‍चे का डीएनए आरोपी ईश्‍वर के डीएन से मेच होने पर आरोपी का अपराध सिद्ध होने पर 16.नव.21 को अभियोजन की और से प्रस्‍तुत साक्ष्‍य को उचित मानते हुए आरोपी को दोषसिद्ध किया गया।

प्रकरण में शासन की और से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती गौतम परमार द्वारा की गई।