राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा को कोई झटका देने की फ़िराक़ में

आगामी विधान सभा चुनाव से पहले राजस्थान में राजनीतिक मुलाक़ातों का दौर बढ़ा

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राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा को कोई झटका देने की फ़िराक़ में

गोपेंद्र नाथ भट्ट

आगामी विधान सभा चुनाव से पहले राजस्थान की राजधानी जयपुर में राजनीतिक मुलाक़ातों का दौर बढ़ गया है। पूर्व उप मुख्यमन्त्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को पंजाब के प्रभारी विधायक हरीश चौधरी से उनके सरकारी निवास पर मुलाकात की। दोनों नेताओं के मध्य एक घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा हुई।इसी तरह भाजपा से नाराज़ पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने गुरुवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुख्यमंत्री निवास पर लम्बी मुलाकात की।

भाटी को गहलोत ने सीएमआर में मिलने के लिए बुलाया था । देवी सिंह भाटी ने उनके विधानसभा क्षेत्र कोलायत में हो रही अवैध खनन को लेकर गहलोत से मिलने का समय मांगा था।

पायलट और हरीश चौधरी की लंबी मुलाकात के राजनीतिक मायने अलग-अलग तरह से निकाले जा रहे हैं। हाल ही में यह क़यास लगाए जा रहे है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा की पौती ज्योति मिर्धा के भाजपा में शामिल होने के बाद आरएलडी के नेता हनुमान बेनीवाल का कांग्रेस से गठबंधन होने की आशंका से इंकार नही किया जा सकता है। बेनीवाल ने हाल ही में विद्याधर नगर के स्टेडियम में छात्र संघ चुनाव को लेकर आंदोलन करने और उसके बाद जयपुर पुलिस कमिश्नर द्वारा समझौता कर एक कमेटी का गठन कर सात दिन में रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेने की बात कही गई है।यह इस बात के संकेत है कि बेनीवाल जैसे हार्ड कोर नेता गहलोत सरकार के प्रति सॉफ़्ट हो रहें है।

इधर हरीश चौधरी की सचिन पायलट से मुलाक़ात के मायने ढूँढे जा रहें है। हरीश चौधरी को कांग्रेस विधानसभा चुनाव की स्ट्रैटेजी कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने हाल ही में कांग्रेस के प्रदेश  वार रूम में पहली बैठक भी आयोजित की है।

विधानसभा  चुनाव की स्ट्रैटेजी कमेटी की बैठक के बाद सचिन पायलट और हरीश चौधरी के बीच यह भेंट निश्चित तौर पर आने वाले समय में कोई गुल खिलायेंगी। शुक्रवार को पायलट और हरीश चौधरी की मुलाकात को राजनीतिक पण्डित इस नजरीए से भी देख रहे है। अब इस मुलाकात में क्या कुछ बातचीत हुई इसका कोई बयान बाहर तो नहीं आया है लेकिन यह अन्दाज़ा लगाया जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी कीचुनाव व्यूह रचना किस प्रकार की हों यह चुनाव के बाद की स्थिति के आँकलन को लेकर दोनों नेताओं के मध्य लम्बा विचार-विमर्श होना बताया जा रहा है।

उधर पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हुई मुलाकात से राजनीतिक क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। पिछलें दिनों भाजपा के दिग्गज विधायक कैलाश मेघवाल और बाद में सूरसागर जोधपुर से भाजपा की वयोवृद्ध विधायक सूर्यकांता व्यास द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ करने के भी राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहें है।

राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि ज्योति मिर्धा के भाजपा में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी भाजपा और अपने विरोधियों को ऐसा ही कोई झटका देने की फ़िराक़ में है।