Politics of Rebels : भाजपा और कांग्रेस में 21 बागी, कुछ को टिकट मिला, कुछ इंतजार में!

भाजपा के 15 में से 5 बागियों को कांग्रेस ने टिकट दिया, कुछ निर्दलीय मैदान में!  

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Politics of Rebels : भाजपा और कांग्रेस में 21 बागी, कुछ को टिकट मिला, कुछ इंतजार में!

 

Bhopal : भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में नाराजी और उम्मीदवारी का दौर चल रहा है। भाजपा ने 136 और कांग्रेस ने 144 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इसके साथ ही दोनों पार्टियों में बगावत भी शुरू हो गई। भाजपा के कई बागी कांग्रेस से टिकट पाने में कामयाब हो गए है, कुछ इंतजार कर रहे है। कई बागियों ने ‘आप’ और ‘बीएसपी’ का झंडा थाम लिया।

दोनों पार्टियों से 21 बागी नेताओं के नाम सामने आए हैं। इस मामले में कांग्रेस ने बाजी मार ली। भाजपा के 15 में से 5 बागियों को कांग्रेस ने टिकट दिया है। कुछ ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की और बाकी की स्थिति जल्द सामने आ जाएगी। दतिया से भाजपा के बागी नेता अवधेश नायक को कांग्रेस ने टिकट दिया। अवधेश को उमा भारती का करीबी माना जाता है। एक और बागी राव यादवेंद्र सिंह को कांग्रेस ने मुंगावली से टिकट दिया है। लेकिन, अवधेश के टिकट पर अभी संशय बताया जा रहा है।

साल 2018 के चुनाव में दोनों पार्टियों के 30 बागी मैदान में थे. उनमें से सिर्फ 4 चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे. लेकिन बाकियों ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाकर अपनी कई सीटों पर अपनी मूल पार्टी को नुकसान किया था.

सिंधिया के साथ भाजपा में गए बैजनाथ यादव फिर कांग्रेस में लौट आए। उन्हें कांग्रेस ने कोलारस से उम्मीदवार हैं। सुरखी से नीरज शर्मा को कांग्रेस ने भाजपा के मंत्री गोविंद राजपूत के सामने टिकट दिया।.बालाघाट के पूर्व सांसद बोधसिंह भगत को भी कांग्रेस ने कटंगी टिकट दे दिया। पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध भी कांग्रेस में लौट आए। पिछला चुनाव उन्होंने भांडेर से बसपा से लड़ा था।

मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी पार्टी छोड़ दी। वे पहले कांग्रेस में रह चुके हैं। भाजपा के पूर्व मंत्री दीपक जोशी कांग्रेस से खातेगांव से टिकट मिलने का इंतजार कर रहे हैं। पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत कांग्रेस से बदनावर से टिकट के इंतजार में हैं। इसी तरह पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा नर्मदापुरम से टिकट के इंतजार कर रहे हैं। कोलारस से भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने भी शिवपुरी से टिकट की चाह में कांग्रेस ज्वाइन की थी लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी है। लेकिन, यहां कांग्रेस टिकट बदल सकती है।

 

कौन कौनसे नेता इंतजार में बैठे

भाजपा नेताओं में सीधी से विधायक केदारनाथ शुक्ला और संतोष जोशी निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। रसाल सिंह ने रविवार को बसपा ज्वाइन की और सोमवार को उन्हें लहार से टिकट मिल गया। पूर्व विधायक ध्रुवप्रताप सिंह भी विजयराघवगढ़ से कांग्रेस से टिकट के इंतजार में हैं।

कांग्रेस के 6 बागी सामने आ चुके जिन्होंने भाजपा की राह पकड़ने के बजाए निर्दलीय, बसपा या ‘आप’ से चुनाव लड़ने का ऐलान किया। कांग्रेस से धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने इस्तीफा दे दिया। वे निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। नागौद से कांग्रेस के पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह भी बसपा से चुनाव लड़ सकते हैं। उज्जैन से कांग्रेस सांसद रहे प्रेमचंद गुड्ड आलोट से निर्दलीय लड़ने की तैयारी में है। इसी तरह उज्जैन उत्तर के दावेदार विवेक यादव ने ‘आप’ की सदस्यता ले ली। ग्वालियर (ग्रामीण) से दावेदार केदार कंसाना बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं।