भारतीय किसान संघ 15 लाख किसानों को साधने में जुटा

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भारतीय किसान संघ 15 लाख किसानों को साधने में जुटा

भोपाल। लोकसभा चुनाव को मददेनजर रखते हुए भारतीय जनता पार्टी का आनुषागिंक संगठन भारतीय किसान संघ प्रदेश के 15 लाख किसानों को अभी से साधने की जुगत में लग गया है। भारतीय किसान संघ प्रदेश के किसानों को अपने संगठन से जोड़ने के लिए 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच किसान जोड़ो अभियान चलाने जा रहा है। संघ ने इस बार अपने अभियान के जरिए 25 हजार गांवों में पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया है। संघ के पदाधिकारियों की माने तो प्रदेश में 1 करोड़ 4 लाख किसान रजिस्टर्ड है। इस बार संघ ने सदस्यता शुल्क 10 रूपये रखा है। गौरतलब है कि संघ किसानों को जोड़ने के लिए प्रत्येक तीन साल के बाद एक बार प्रदेश स्तर पर इस तरह का अभियान चलाता है। किसानों से संपर्क के दौरान केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गये कामों का एक फोल्डर किसानों को सौंपता है। साथ ही संघ के पदाधिकारी किसानों से संवाद करके किसानों से जुड़ी हुई नयी समस्याओं को भी दर्ज करते है।

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सदस्यता अभियान के दौरान जिस किसी गांव में 50 किसान अगर सदस्य बनते है तो संघ उस गांव में किसानों से जुड़ी एक समिति का गठन करता है। ऐसे गांवों में सघ किसान सदस्यों को लेकर एक समिति गठित करती है। यह समिति किसानों से जुड़ी समस्याओं को समय- समय पर संघ को अवगत कराती है। अगर एक तहसील में 25 गांवों ऐसे बनते है जहां 50 सदस्य संघ में शामिल होते हैं तो संघ ऐसे तहसील को लेकर एक तहसील ईकाई बनाती है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव को लेकर मार्च माह में आचार संहिता लग जाएगी। यही वजह है कि संघ चुनाव से पहले किसानों को अपने साथ जोड़कर उन्हें साधने में लगा हुआ है।

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सदस्यता अभियान में महिलाओं को भी जोड़ा जाता है

भारतीय किसान संघ ने किसान जोड़ो अभियान के दौरान प्रदेश में सिर्फ पुरूष किसानों के अलावा महिला किसानों को भी संघ में शामिल करता है। साथ ही संपर्क के दौरान महिला किसानों से जुड़ी समस्या को संघ रजिस्टर्ड में दर्ज करता है। महिला किसानों से जुड़ी समस्या को लेकर संघ के पदाधिकारी सरकार के समक्ष रखते है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि महिला किसानों को जागृत करने के लिए साल में एक बार कार्तिक पूर्णिमा को प्रदेश के किसी भी धार्मिक स्थल पर एक सम्मेलन होता है। जिसमें महिला किसानों को आधुनिक तकनीकी से खेती- बाड़ी को कैसे समृद्ध किया जाए उस पर मंथन होता है।

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