कई दिग्गज धराशायी:राजस्थान में रिवाज नही राज बदल गया….

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अपराधी राजा या सेवक - सुधार की अनंत यात्रा अब भी जारी

कई दिग्गज धराशायी:राजस्थान में रिवाज नही राज बदल गया….

 

गोपेंद्र नाथ भट्ट की त्वरित टिप्पणी

 

राजस्थान में हर पाँच वर्ष में राज बदलने का ट्रेंड इस बार भी नही बदला और बक़ौल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कांग्रेस का राज और जादू तीन दिसम्बर को छूँमन्तर हों गया।भाजपा को राजस्थान ही नही छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधान सभा चुनावों में भी स्पष्ट बहुमत मिला और कांग्रेसी नेताओं के दावें धरे के धरे रह गए।

ऐग्जिट पोल्स की घोषणाओं और अनुमानों से कही अधिक भाजपा को उतर भारत की इस हिन्दी पट्टी के आशा से अधिक सफलता मिली हैं।

ऐग्जिट पोल्स ने सेम्पल वोटर्स के आधार पर अनुमान लगायें लेकिन हमने जैसा त्वरित एवं विशेष टिप्पणियों में लिखा था कि काँटे की टक्कर वाली तीस से चालीस सीटों तथा निर्दलियों बागी उम्मीदवारों तथा क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवारों के बारे में ऐग्जिट पोल्स सटीक अंदाज नही लगा पायें और जैसा लिखा था कि इससे प्रदेश के चुनाव में भारी उलट फेर हुआ और बड़े बड़े दिग्गज भी धराशायी हो गए।

 

राजस्थान में भाजपा ने 115 सीटें, कांग्रेस ने 69 सीटों और निर्दलीय 15 उम्मीदवारों ने चुनाव जीता है।

 

अशोक गहलोत मंत्रिपरिषद के 17 मंत्री विधान सभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ,प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़ ,उप नेता डॉ सतीश पूनियाँ , कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई ज्योति मिर्धा और सुभाष महेरिया आदि कई दिग्गज चुनाव की आँधी में धराशायी हो गए है।हालाँकि मतदान प्रतिशत में पिछलें चुनाव की तुलना में मात्र 0.74 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई लेकिन इसने पूरे चुनाव परिदृश्य को ही बदल कर रख दिया। राजस्थान में इस बार 200 सदस्यीय विधान सभा में 199 सीटों पर चुनाव हुआ था। गंगानगर जिले की एक सीट पर उम्मीदवार के निधन से चुनाव रद्द हो गया था।

चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद रविवार को सायं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज भवन जाकर राज्य पाल कलराज मिश्र को अपनी सरकार का इस्तीफ़ा सौंप दिया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में हार स्वीकार करते हुए अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है।

इससे पहले उन्होंने ट्वीट करके कहा कि  राजस्थान की जनता द्वारा दिए गए जनादेश को हम विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं। यह सभी के लिए एक अप्रत्याशित परिणाम है। यह हार दिखाती है कि हम अपनी योजनाओं, कानूनों और नवाचारों को जनता तक पहुंचाने में पूरी तरह कामयाब नहीं रहे।

 

इधर कांग्रेस दफ़्तर में सन्नाटा छा गया और भाजपा कार्यालय में ढोल ताशे के साथ मिठाइयों आदि की बहार रही। उधर नई दिल्ली में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं की बधाई स्वीकार करते हुए कहा कि तीन प्रदेशों राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक विजय की हेट्रिक ने 2024 के आम चुनावों में भाजपा की जीत की हेट्रिक को सुनिश्चित कर दिया है।चुनाव परिणाम आने के बाद मंगलवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होने की सम्भावना है जिसमें शीर्ष नेतृत्व को मुख्य मंत्री चुनने का अधिकार दिया जायेगा। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि वसुन्धरा राजे, महन्त बालक नाथ, राज्य वर्धन सिंह दिया कुमारी, केन्द्रीय मन्त्रियों गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल आदि में से अथवा प्रधानमंत्री मोदी के पसन्द के किसी नेता को मुख्यमंत्री चुना जायेगा।

इसी तरह कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी नेता चुना जाएगा जोकि विधान सभा में प्रतिपक्ष का दर्जा पायेगा। इसके लिए आदिवासी नेता महेन्द्र सिंह मालविया और शेखावाटी के नेता राजेन्द्र पारीक के नामों की चर्चा हैं।

अब देखना होंगा कि अगले तीन चार माह में होने वाले लोकसभा के आम चुनावों में प्रदेश की 25 की 25 सीटों को जीतने के लिए भाजपा अब क्या रणनीति अपनाती है।