Footi Kothi Handed Over to Archeology : इंदौर की ‘फूटी कोठी’ अब पुरातत्व विभाग के हवाले होगी!
40 साल पहले बिक गई थी, अब गज़ट नोटिफिकेशन किया जाएगा!
Indore : फूठी कोठी पर अब पुरातत्व विभाग का मालिकी हक होगा। जल्दी ही इसका नोटिफिकेशन जारी होगा। 40 साल पहले होलकर परिवार के एक ट्रस्ट ने इसे बेच दिया था, तब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की इस सौदे में बड़ी भूमिका सामने आई थी। लेकिन, प्रशासन तीन साल से फिर इस जमीन को पाने में जुटा हुआ था।
राजवाड़ा की कला विथिका का शुभारंभ करने आई पूर्व मंत्री व महू विधायक उषा ठाकुर ने अफसरों को बताया कि जल्दी ही फूठी कोठी का प्रदेश सरकार के राजपत्र में प्रकाशन हो जाएगा। यह पुरातत्व विभाग की संपत्ति होगी। वहां के लिए योजना बनाकर तैयार रखी गई है। पुरातत्व विभाग के संयुक्त संचालक प्रकाश परांजपे का कहना है कि पहले फूठी कोठी को लेकर प्रारूप का प्रकाशन किया गया था। तब दावे-आपत्तियों को आमंत्रित किया गया था। उनके निराकरण के बाद गजट नोटिफिकेशन होगा। फूठी कोठी परिसर में फिलहाल पुखराज पैलेस मैरिज गार्डन संचालित हो रहा है। मैरिज गार्डन प्रबंधन का इस बारे में कहना है कि हमें फिलहाल इस मामले में कोई जानकारी नहीं है।
अंग्रेजों ने रुकवा दिया था निर्माण
फूटी कोठी का निर्माण वर्ष 1886 में होलकर शासन काल में शुरू कराया गया था। महाराजा तुकोजीराव चाहते थे कि इस फूठी कोठी से अंग्रेजों की महू सैन्य छावनी पर नजर रखी जा सके। आवश्यकता होने पर यहां से हमला भी किया जा सके। इसे बनाने के लिए इंग्लैंड से राजमिस्त्री आए थे। लेकिन, वे अपना काम पूरा नहीं कर सके। जब इसकी भनक अंग्रेजों को लगी तो उन्होंने निर्माण रुकवा दिया।
दो मंजिला इमारत में खुली छत और अधूरी सीढ़ियां इस फूठी कोठी की पहचान है। लंबे समय तक वीरान होने के कारण क्षेत्र के लोग इसे भूतिया कोठी भी कहने लगे थे। लोगों का डर दूर करने के लिए फूठी कोठी में मंदिर भी बनवाए गए। बीते दस वर्षों से इसका उपयोग मैरिज गार्डन के रूप में होने लगा था।