GST Revenue Increased : MP में GST राजस्व 46% बढ़ा, यह अब तक का सर्वाधिक! 

जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद जीएसटी की यह सबसे ज्यादा वृद्धि! 

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GST Revenue Increased

GST Revenue Increased : MP में GST राजस्व 46% बढ़ा, यह अब तक का सर्वाधिक! 

Bhopal : प्रदेश के राजस्व संग्रहण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजस्व संग्रहण में उल्लेखनीय सफलता मिली है। पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 के मार्च माह में 2290 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ था, इसकी तुलना में चालू वित्त वर्ष में माह मार्च में जीएसटी अंतर्गत 3331 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जो पूर्व वर्ष से 46% अधिक है। जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के उपरांत किसी भी माह में प्राप्त जीएसटी की यह सर्वाधिक राशि तथा सर्वाधिक वृद्धि है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह जनवरी से मार्च की अवधि में 6832 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ था, जिसकी तुलना में चालू वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में 9637 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो तुलनात्मक रूप से 41 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार माह मार्च, 2024 तक जीएसटी से कुल 33 हजार 110 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पूर्व वर्ष से 26 प्रतिशत अधिक है।

पंजीयन व्यवसायी की संख्या में वृद्धि के लिए सभी जिलों की जनसंख्या एवं आर्थिक स्थिति के आधार पर पंजीयन के लक्ष्य निर्धारित किए गए। समस्त वृत्त कार्यालयों में इस पंजीयन अभियान के तहत पूर्ण तत्परता के साथ कार्य करते हुए अपंजीयत व्यवसायी को पंजीयत करने का कार्य किया गया। इसी का परिणाम है कि, वर्तमान में प्रदेश में पंजीयत व्यवसायी की कुल संख्या 5 लाख से भी अधिक पहुँच चुकी है। एक अप्रैल, 2018 को पंजीयत व्यवसायी 3 लाख 84 हजार 438 की तुलना में वर्तमान में पंजीयत व्यवसायी की संख्या 5 लाख 35 हजार 380 है, जो तुलनात्मक रूप से 39 प्रतिशत अधिक है।

विभाग के द्वारा पंजीयन सत्यापन के लिए मोबाइल एप तैयार किया गया है तथा इस एप के माध्यम से ही फील्ड अधिकारियों के द्वारा संदिग्ध व्यवसायियों के पंजीयन सत्यापन की कार्यवाही की जा रही है। विभाग के द्वारा डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से 9202 संदिग्ध व्यवसायियों की पहचान की गई तथा इनमें से पंजीयत 1092 बोगस व्यवसायियों के पंजीयन निरस्त किए गए। विभाग के द्वारा बोगस/फेक तथा निष्क्रिय व्यवसायी को नियमित रूप से चिन्हित किया जाकर इनके पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जा रही है।

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राजस्व वृद्धि के अन्य प्रयासों में प्रमुखतः विभाग के द्वारा स्क्रूटनी, ऑडिट एवं प्रवर्तन के विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। मुख्यालय स्थित डेटा, कमांड एंड कंट्रोल सेन्टर में एनालिटिक्स टीम के द्वारा आयकर अधिनियम से संबंधित 26-AS में उपलब्ध जानकारी का जीएसटी रिटर्नस से मिलान, अन्य शासकीय विभागों जैसे कोष एवं लेखा, माइनिंग, ट्रांसपोर्ट आदि से जानकारी प्राप्त कर उनका मिलान भी जीएसटी रिटर्नस से किया जा रहा है। अपंजीयत व्यवसाईयो को पंजीयत करने की कार्यवाही भी की जा रही है। इन्दौर स्थित मुख्यालय द्वारा डेटा एनालिटिक्स के आधार पर विभिन्न कार्यवाहियों के लिए प्रकरण चिन्हित किए जाकर नियमित रूप से फील्ड अधिकारियों को प्रेषित किए जाते हैं।

मुख्यालय स्तर पर कंस्ट्रक्शन, माईनिंग, बिल्डिंग मटेरियल, शासकीय सप्लाय आदि सेक्टर से संबंधित स्कूटनी के 6043 प्रकरण आवंटित किए गए। इन प्रकरणों की स्कूटनी के उपरान्त 630 करोड़ रूपये की राशि जमा करवाई गई तथा 747 करोड़ रूपये की अतिरिक्त मांग प्रस्तावित की गई। डेटा एनालिटिक्स के आधार पर ही ऑडिट के 1567 प्रकरणों का चिन्हांकन किया जाकर ऑडिट के लिए आवंटन किया गया। ऑडिट कार्यवाही से अभी तक 101 करोड़ की राशि जमा हो चुकी है। कर अपवंचन में लिप्त व्यवसायियों के विरूद्ध डेटा एनालिसिस के आधार पर प्रवर्तन की कार्यवाही की गई।

इस वित्तीय वर्ष में कर अपवंचन में लिप्त ऐसे 1270 प्रकरणों में कार्यवाही की जाकर विभाग के द्वारा 560 करोड़ रूपये जमा करवाए गए हैं। आईटीसी रिवर्सल के क्षेत्र में भी विभाग के द्वारा डेटा एनालिसिस के आधार पर व्यवसायियों का चिन्हांकन किया गया तथा अपात्र तथा अप्राप्‍त आईटीसी का नियमानुसार रिवर्सल करवाया गया। आईटीसी रिवर्सल की इस कार्यवाही से इस वित्तीय वर्ष में माह मार्च तक लगभग 4900 करोड़ रुपये की राशि आईजीएसटी सेटलमेंट के रूप में प्राप्त हुई है।