Balaghat Loksabha Constituency: महिला को प्रत्याशी बना BJP ने आधी से ज्यादा आबादी को साधा!

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BJP Leaders not Happy

Balaghat Loksabha Constituency: महिला को प्रत्याशी बना BJP ने आधी से ज्यादा आबादी को साधा!

भोपाल: मध्य प्रदेश की बालाघाट सीट पर चुनाव हर बार रोचक होता है। प्रदेश की यह ऐसी लोकसभा सीट हैं जहां पर पुरुष मतदाताओं से ज्यादा महिला वोर्ट्स हैं। यहां आदिवासियों की संख्या भी खासी हैं, लेकिन यहां पर चुनाव परिणामों में अहम भूमिका पंवार जाति के लोग निभाते हैं।

परिसीमन के बाद जब से बालाघाट सीट का गठन हुआ है, तब से परिणाम आदिवासियों और पंवार जातियों पर ही निर्भर रहा है। इस बार भी यही माना जा रहा है कि यहां पर जातिगत समीकरण एक बार फिर अपना असर दिखाएंगे। खास बात यह है कि यहां से पूर्व सांसद कंकर मुजारे ने बसपा से उतर कर मुकाबले को रोचक कर दिया है।

पुरुषों से ज्यादा महिला मतदाता
बालाघाट लोकसभा क्षेत्र ऐसा हैं, जहां पर पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इस संसदीय क्षेत्र में जहां पुरुष मतदाता 9 लाख 29 हजार 434 हैं, तो वहीं महिला मतदाता की संख्या 9 लाख 41 हजार 821 हैं। इस तरह लिंगानुपात की बात करें तो 1000 पुरुषों में 1014 महिलाओं का औसतन अनुपात है, यानि यहां पर आधी से ज्यादा आबादी महिलाओं की है। भाजपा ने इस समीकरण को भी उम्मीदवार का चयन करने में ध्यान रखा। साथ ही यहां के जातिगत समीकरण का भी ध्यान रखा। यहां से भाजपा ने महिला उम्मीदवार को चुनाव में उतारा। यहां पर भाजपा ने नगर पालिका की पार्षद भारती पारधी को उम्मीदवार बनाया हैं। भारती पारधी पंवार वर्ग से आती है। यहां पर पंवार जाति के करीब 22 प्रतिशत वोट हैं।

कांग्रेस ने यहां से जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राट सरसवार को प्रत्याशी बनाया है। वे क्षत्रिय हैं, उनके वर्ग के मतदाताओं की संख्या यहां पर बहुत ज्यादा नहीं हैं। यहां पर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे बसपा से ताल ठोक रहे हैं। अब दोनों ही उम्मीदवारों का भरोसा आदिवासियों पर टिका हुआ है। आदिवासी मतदाता करीब 24 प्रतिशत यहां पर हैं। मुंजारे का अपना भी वोट बैंक यहां पर माना जाता है।

तीन चुनावों की स्थिति
परिसीमन से पहले यह सीट सिवनी हुआ करती थी, वर्ष 2009 में हुए परिसीमन के बाद इस सीट का नाम बालाघाट हुआ। जब से यह सीट बालाघाट हुई, तब से यहां पर कांग्रेस एक भी चुनाव नहीं जीत सकी है। यहां पर वर्ष 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार मधु भगत को 33.09 प्रतिशत वोट मिले थे, वर्ष 2014 में हिना कांवरे को 34.76 फीसदी वोट मिले थे और 2009 में कांग्रेस उम्मीदवार विश्वेश्वर भगत को 34.25 प्रतिशत वोट मिले थे। यानि कांग्रेस पिछले तीन चुनाव में 35 प्रतिशत वोट भी नहीं अर्जित कर सकी।