अवयस्क बालिका के साथ दुष्‍कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास

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रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

Ratlam: न्यायालय मोहित कुमार विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट के द्वारा फैसला सुनाते हुए 24.दिसम्बर.2021 को अभियुक्त गोपाल पिता कचरूलाल माली उम्र 24 वर्ष नि.भानगढ़ जिला मंदसौर को धारा 376(2)एन भादवि में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000 रू अर्थदंड से दंडित किया गया।

मामले में अभियोजन मीडिया प्रभारी शिव मनावरे ने बताया कि 14.जुलाई.2018 को थाना रिंगनोद पर साढे 15 वर्षीय अवयस्क बालिका के पिता ने सूचना दी कि 11.जून.2018 को वह परिवार सहित खाना खाकर सो गए थे,सुबह 6 बजे उठकर देखा तो उसकी अवयस्‍क पुत्री घर पर नहीं दिखी,आस पास व रिश्‍तेदारों में तलाश करने पर उसका पता नही चला,और आरोपी गोपाल भी उसके घर व गांव में नहीं मिला।उसे शंका है कि आरोपी गोपाल ही उसे बहला-फुसला कर भगा कर ले गया है।सूचना पर अपराध क्र.156/2018 का अपहरण का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया।

17.जुलाई.2018 को मुखबीर सूचना पर से पुलिस ने पीड़िता के माता पिता को साथ लेकर ग्राम कचनारा रेलवे फाटक के बाहर से आरोपी गोपाल के कब्‍जे से पीड़िता को बरामद कर आरोपी सहित उसे थाना रिंगनोद लेकर आए।जहां पीड़िता से पूछताछ करने पर उसने बताया कि पूर्व परिचित गोपाल ने 11.जून.2018 को दिन में उसे बोला कि आज रात को 3 बजे तुम घर के पीछे कच्‍चे रास्‍ते पर मिलना।

वहां से तुझे साथ ले जाउंगा,उसकी बातों में आकर पीड़िता रात के तीन बजे कच्‍चे रास्‍ते पर गई वहां उसे गोपाल मिला वह उसे पैदल-पैदल हाई-वे रोड पर ले गया वहां से बस में बिठा कर मंदसौर ले गया। मंदसौर से वह उसे प्रतापगढ ले गया जहां पर उसे बंद कमरे में एक महीने रखा और उसकी मर्जी के विरुद्ध उसके साथ कई बार दुष्‍कर्म किया।फिर गोपाल ने उसे कहा कि एक ही जगह रहने से पुलिस पकड़ लेगी हम ट्रेन से कहीं ओर चलते है।इस तरह आरोपी उसे लेकर कचनारा आया जहां पुलिस ने उन्‍हें पकड़ लिया।

पीड़िता द्वारा बताई गई घटना पर दुष्कर्म की धाराओं में इजाफा कर आरोपी गोपाल माली को तत्‍काल गिरफ्तार कर पीड़िता एवं आरोपी का मेडिकल कराया। जहां आवश्यक साक्ष्य पर आरोपी के विरूद्ध धारा 366, 376 (2) (एन),376(2)(आई) भादवि,5 एल/6 पॉक्सो एक्ट में माननीय विशेष न्यायालय में 4.अगस्त.2018 में पेश किया।
इस पर मामले में विशेष न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए 24.दिसम्बर.2021 को मिलें साक्ष्य के आधार पर आरोपी को धारा 376(2)(एन)भादवि में दोषसिद्ध किया एवं धारा 363,366, 376(3) भादवि एंव 5 एल/6 पॉक्‍सो एक्‍ट में आरोप प्रमाणित न होने से दोषमुक्त किया।

बता दें कि पुलिस ने अभियोग पत्र पीड़िता को अवयस्क पाते हुये न्यायालय में प्रस्तुत किया था परन्तु न्यायालय ने आई हुई साक्ष्य पर पीड़िता की अवयस्कता को प्रमाणित नहीं माना और वयस्क मानते हुए आरोपी को दोषसिद्ध करते हुए सजा सुनाई।

मामले में अभियोजन की और से पैरवी विजय पारस,विशेष लोक अभियोजक जावरा द्वारा की गई।