प्रधानमंत्री के नाम खुला ख़त

याद आई मोदीजी की दहाड़ ‘न खाऊँगा, न खाने दूँगा’

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माननीय प्रधानमंत्री जी,

झाबुआ-रतलाम सीट से बीजेपी सांसद गुमान सिंह ड़ामोर सहित एक आईएएस और अन्य अफसरों पर अलीराजपुर कोर्ट ने भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज करते हुए सभी आरोपियों को 17 जनवरी को कोर्ट में हाज़िर होने का आदेश दिया है। प्रधानमंत्री जी आपकी कार्यशैली और नियत पर हमें पूरा भरोसा है लेकिन आपकी बगल में बैठने वाले सांसद जी पर दायर हुए इस मुकदमे पर आप क्या एक्शन लेंगे। चाल, चरित्र और चेहरे पर आपका संगठन चुनाव लड़ता आया है।

मनमोहन सिंह जी की सरकार के वक्त आपने भ्रष्टाचार को बहुत बड़ा मुद्दा बनाते हुए देश की सवा सौ करोड़ जनता को आश्वस्त किया था कि मेरी सरकार बनी तो ‘न खाऊँगा , न खाने दूँगा’। आप भ्रष्टाचार में ज़ीरो टालरेंस की बात कहते हैं। देश की अवाम ने आप पर न सिर्फ 2014 में भरोसा जताया बल्कि 2019 में भी आपको प्रचण्ड बहुमत दिया।

मध्यप्रदेश की झाबुआ-रतलाम सीट पर आपने एक ऐसे रिटायर अफसर को टिकट दिया जिनकी इमेज जननेता की नहीं थी। बावजूद आपको देखकर लोगों ने उन्हें चुनाव जीता दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन पर साल 2006-07 में फ्लोरोसिस नियंत्रण जैसी महत्वपूर्ण परियोजना में 600 करोड़ के कथित घोटाले को लेकर अलीराजपुर कोर्ट ने भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर लिया। यह परियोजना उन्ही गरीब आदिवासी भाइयों के हित के लिए बनाई गई थी जिनके अधिकारों के लिए हाल ही में भोपाल में आपने हुँकार भरी थी।                            IMG 20211228 WA0040

माननीय प्रधानमंत्री जी, अफसरों सहित आपकी पार्टी के सासंद महोदय पर भ्रष्टाचार के इस मुकदमें ने विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दा दे दिया। कल पूरे झाबुआ और अलीराजपुर में सासंद के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ।डामोर के जगह-जगह पुतले जलाए गए।

इस मुकदमे के बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। सासंद गुमान सिंह डामोर को पीएचई विभाग में प्रमुख अभियंता के पद से रिटायर होने के बाद तत्कालीन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने धार जिले के मोहनखेड़ा में सदस्यता दिलाई थी। पार्टी में आए नए नवेले सदस्य डामोर को झाबुआ में विधानसभा उपचुनाव में टिकट दे दिया। पार्टी में उनका विरोध भी हुआ। लेकिन कांग्रेस की आपसी लड़ाई में उन्हें चुनाव में जीत मिल गई। पूरे जिले में इकलौती बीजेपी की सीट जीत कर पार्टी में उन्होंने भरोसा कायम कर लिया। अगले साल 2019 में संसदीय सीट से उन्हें बीजेपी ने अपना दावेदार बनाया और आपकी लहर में वे चुनाव जीत गए।                                                                        IMG 20211228 WA0039

सवाल यह है कि यदि कोर्ट ने प्राथमिकी तौर पर सबूतों के आधार पर उनके खिलाफ इतनी बड़ी रकम के भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया तो क्या पार्टी में लाने से पहले इनका बैकग्राउंड नहीं तलाशा गया था। 2016 में हुए महाकुंभ के दौरान भी घोटाले के आरोप विपक्ष लगाता रहा।

माननीय, मैं भारत का नागरिक होने के नाते आपसे यह जानना चाहता हूँ कि आपके इन सासंद महोदय पर क्या आप ‘ज़ीरो टालरेंस’ या फिर ‘न खाऊँगा, न खाने दूँगा’ का फॉर्मूला लागू कर सकेंगे।