Illegal Building Demolished : सर्वानंद नगर में नगर निगम ने ग्रीन बेल्ट पर बनी होस्टल की अवैध बिल्डिंग तोड़ी!

ग्रीन बेल्ट पर ही आसपास बनी अन्य अवैध बिल्डिंगों पर कोई कार्यवाही नहीं!

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Illegal Building Demolished : सर्वानंद नगर में नगर निगम ने ग्रीन बेल्ट पर बनी होस्टल की अवैध बिल्डिंग तोड़ी!

Indore : नगर निगम के अमले ने आज सुबह सर्वानंद नगर में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक होस्टल की अवैध बिल्डिंग को गिरा दिया। बताया गया कि यह अवैध होस्टल ग्रीन बेल्ट की जमीन पर बनाया गया था। यहां सिर्फ एक होस्टल तोड़ने की कार्यवाही की गई, आसपास इसी तरह बनी, अवैध बिल्डिंगों को छोड़ दिया गया। जबकि, बाकी बिल्डिंगें भी इसी तरह अवैध हैं। फिर क्या कारण है कि नगर निगम ने ग्रीन बेल्ट में बनी उन बिल्डिंगों को छोड़ दिया। जानकारी अनुसार नगर निगम का रिमुव्हल अमला सुबह सर्वानंद नगर पहुंचा और यहां अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई शुरू की। सिर्फ एक होस्टल को तोड़ा, जबकि आसपास बने कई अन्य होस्टल को छोड़ दिया गया।

नगर निगम उपायुक्त लता अग्रवाल के अनुसार टीम ने सुबह करीब 6.30 बजे सर्वानंद नगर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। जिन 3 प्लाटों को मिलाकर यह इमारत बनी थी उसका कुल क्षेत्रफल तीन हजार वर्गफीट है। आश्चर्य है कि पूरी बिल्डिंग बन गई, पर नगर निगम के अधिकारियों को खबर तक नहीं हुई। भरत सोनी ने 20 X 50 के तीन प्लाटों को मिलाकर जी प्लस थ्री (चार मंजिला) बिल्डिंग बना ली थी। इसे नगर निगम टीम ने कार्रवाई करते हुए जमींदोज कर दिया। कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन कार्रवाई जारी रही।

 

न नक्शा न अनुमति फिर भी बन गई बिल्डिंग

इतने बड़े भूखंड पर चार मंजिला इमारत तन गई और नगर निगम के अधिकारियों को खबर नहीं होना आश्चर्य है। भूखंड स्वामी ने न तो नगर निगम से निर्माण की अनुमति ली थी और न नक्शा पास करवाया। एसडीएम जगदीश धनगर ने बताया कि जिस जमीन पर यह अवैध निर्माण किया गया, वह ग्रीन बेल्ट में शामिल है। सहायक रिमूवल अधिकारी बबलू कल्याणे ने बताया कार्रवाई में 20 से ज्यादा निगमकर्मी शामिल थे। दो जेसीबी की मदद से करीब चार घंटे चली कार्रवाई में इमारत को पूरी तरह से गिरा दिया गया।

 

होस्टल शुरू करने की तैयारी थी

जांच में यह बात भी सामने आई है कि जिस अवैध निर्माण को नगर निगम ने जमींदोज किया है वहां भू-स्वामी ने होस्टल शुरू करने की तैयारी कर ली थी। निगम ने आचार संहिता लागू होने से पहले इस संबंध में नोटिस भी दिया था। होस्टल शुरू होने से पहले ही निगम ने कार्रवाई करते हुए इसे आज तोड़ दिया।