Corona Alert : कोरोना के नए हमले से निपटने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश

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Bhopal : कोरोना नियंत्रण की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग कराने समेत सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करें। इंदौर कलेक्टर को सीएम ने निर्देश दिए कि इंदौर को सबसे ज्यादा सतर्क रहना है, क्योंकि यहाँ लोगों की आवाजाही ज्यादा है।

सभी व्यवस्थाओं को ठीक से रिव्यू कर लिया जाए। सारी तैयारी युद्धस्तर पर तैयारी करें। हमें पूरी सतर्कता रखनी है, अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रहने देना है। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों की बैठक में जिलों, ब्लॉकों व पंचायतों की समीक्षा भी करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि कोविड के मरीजों को कोविड केयर सेंटर में रखें। उन्हें अस्पताल ले जाने की आवश्यकता न पड़े। फीवर क्लीनिक एक्टिव कर दें, जिससे लोग टेस्टिंग आसानी से करा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि सभी कलेक्टर इसे गंभीरता से लें।

15-18 वर्ष के किशोरों को वैक्सीन लगाने का काम करना है। टीम के साथ मिलकर महाअभियान की तरह इसे लें। हम सबसे पहले अपने बच्चों को सुरक्षित करें। 3 तारीख से इसे बड़े स्तर पर शुरू करना हैं। 2 तारीख को मैं क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों से बात करूंगा। सभी कलेक्टरों को जो टारगेट दिए गए हैं, उसे पूरा करें और मुझे सबकी रिपोर्ट दें।

क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक सभी जिलों में हुई है। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के संपर्क में रहें। सभी से मास्क लगाने का आग्रह करें, रोका-टोकी अभियान जारी रखें, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें, अनावश्यक भीड़भाड़ से बचें। कोविड केयर सेंटर का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें, हर जिले में एक कोविड केयर सेंटर होना चाहिए, बाकी ब्लॉक, पंचायत में भी जरूरत होगी तो शुरू करेंगे।

सभी मंत्री ऑक्सीजन प्लांट चेक कर ले दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करें। हम मैपिंग कर लें कि हमारे पास और प्राइवेट हॉस्पिटल के पास कितने बिस्तर हैं। एक एक चीज़ देख लें, कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग अभी हमारे हाथ में है, इसमें कोई लापरवाही हमें नहीं करनी है। इस मामले में कोई बहाना नहीं चलेगा, क्योंकि काम हमें ही करना है। अंतर्राज्यीय ट्रांजिट वाले स्थानों पर टेस्टिंग की व्यवस्था करें।

15 से 18 के किशोरों को वैक्सीनेशन जो लगनी है, उसकी व्यवस्था कर लें। 3 तारीख को प्रभारी मंत्रियों को इसे लांच करना है। समाज के प्रमुखों को अभियान से जोड़ें। फ्रंट लाइन वर्कर और 60 प्लस को भी वैक्सीन लगाने का काम करना है। यह चुनौती है, इसका सामना हमें करना है। यह डेल्टा की तरह खतरनाक नहीं है, लेकिन फिर भी हमें तैयारियों में कोई कमी नहीं रखनी है।