Birth-Death Certificate : जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र 2 महीने में भी नहीं बन रहे, अब सेंटर पर विवाद होने लगे!

व्यवस्था बिगड़ने का कारण सेंट्रल सर्वर से परेशानी और स्पीड कम होना!

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Birth-Death Certificate : जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र 2 महीने में भी नहीं बन रहे, अब सेंटर पर विवाद होने लगे!

 

Indore : जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनने में 2 महीने से भी अधिक समय लग रहा है। ऐसे में सैकड़ों आवेदक नगर निगम में परेशान होते देखे जा सकते हैं, जिन्हें जन्म प्रमाण पत्र या मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता है। ऐसे आवेदकों के सब्र का बांध टूटने लगा है। अब बात नौबत गाली गलौज और विवाद तक पहुंच गई।

इन दिनों कुछ ऐसा ही मामला जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में देखा गया। जब प्रमाण पत्र न मिलने से परेशान एक आवेदक विभाग के क्लर्क से गाली-गलौज करने लगा। हालांकि पूरी तरह से गलती उसकी भी नहीं विभागीय क्लर्क भी उससे अभद्रता कर रहा था। मामला गंभीर होता देख बाबू और अधिकारी वहां से चुपचाप निकल लिए। जानकारी अनुसार नगर निगम का जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र इन दोनों आवेदकों की भीड़ से आबाद है। इसका कारण यह नहीं है कि आवेदन अधिक लग रहे हैं बल्कि मुख्य कारण यह है कि आवेदक महीनों से परेशान हो रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र निगम बनाकर नहीं दिया जा रहा।

बताया जा रहा है कि देशभर में एक जैसे प्रमाण पत्र की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार द्वारा व्यवस्था की गई है। इसके लिए जो सर्वर बनाया गया, वह ठीक से काम नहीं कर रहा। अधिकारियों के अनुसार सेंट्रल सर्वर कभी नाम में गलती करता है, तो कभी अन्य प्रकार की जानकारी गलत लोड कर रहा है। इसके साथ ही सर्वर की स्पीड भी बहुत कम है। इस कारण भी समय पर प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया जा पा रहे हैं। एक-एक आवेदक को सप्ताह नहीं महीना परेशान होना पड़ रहा है। इसके बाद भी उसे प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा तो वह विभाग में आकर क्लर्क से और अन्य अधिकारियों से अभद्रता भी कर रहा है।

तीन दिन है समय सीमा
अधिकारियों ने बताया कि वैसे तो मृत्यु प्रमाण पत्र देने की समय सीमा तीन दिन है। इसके बाद भी प्रमाण पत्र महीने डेढ़ महीने तक भी नहीं बन पा रहा। बताया जा रहा है कि सेंट्रल सर्वर की व्यवस्था उचित करने और आवेदकों को परेशानी से निजात दिलाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। इससे समय पर प्रमाण पत्र बनने लगे और बेवजह आवेदक परेशान होने से बचे। लेकिन उसके बाद भी अभी तक कोई व्यवस्था में सुधार नहीं हो सका।

समस्या सेंट्रल सर्वर से हुई
नगर निगम में व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी रखने वाले कई अधिकारी इस समस्या से अवगत है। लेकिन वे चाहकर भी इस समस्या को हल नहीं कर पा रहे। बताया जा रहा है कि यह व्यवस्था सेंट्रल सर्वर के कारण हुई। इसमें स्थानीय अधिकारी कोई सुधार नहीं कर सकते। स्थानीय स्तर पर कोशिश की गई कि व्यवस्था में सुधार हो, पर वे इसमें सफल नहीं हो पा रहे।