अशोक के फूल

56
अशोक के पुष्प
kavita :

अशोक के पुष्प

{बहुत सोच-समझकर कंदर्प देवता ने लाखों मनोहर पुष्पों को छोड़कर सिर्फ़ पाँच को ही अपने तूणीर में स्थान देने योग्य समझा था। एक यह अशोक ही है।-डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी}

अशोक के फूल

विजय पुष्पम

कहीं पढ़ा था
सुन्दरी स्त्रियों के पदाघात से
खिल उठते हैं
अशोक के पुष्पFile:Ashoka (Polyalthia longifolia) flowers W2 IMG 7047.jpg - Wikipedia
घर के सामने लगे अशोक के वृक्ष पर
जाने कितने पदाघात किये होंगे
अपने अलक्तक लगे पावों से
आज तक नहीं खिला नामुराद
मतलब साफ़ हुआ
अब मुझे किसी ने कहा सुंदर
तो बताउंगी
सात पुश्तों तक को नहीं बख्शूंगी
हद है झूठों की
File:Ashoka (Polyalthia longifolia) flowers W IMG 7048.jpg - Wikimedia Commons
मुंह देखी बात करने वालों की
मैं नहीं आती किसी के कहने में
अशोक ने सच क्या है
बता जो दिया है….विजय
279318389 2141056766072496 8126427832100173028 n

विजय पुष्पम,लखनऊ