पैसा और शकल!

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पैसा और शकल!

पैसा और शकल मायने नही रखते ,ये हमारे यहां फैले सबसे बड़े झूठों मे शामिल है। सच्ची बात तो ये कि बस यही मायने रखते हैं और बाकी सारी बातें फ़िज़ूल हैं। आमतौर पर पैसा पुरूषों के पास होता है और शकल महिलाओं के पास पाई जाती है। भगवान की सोची समझी व्यवस्था है ये। पैसा और ख़ूबसूरती। चुंबक के उत्तरी दक्षिणी ध्रुव हैं ये। परस्पर आकर्षित होना गुण धर्म हैं इनका। इसीलिए दोनों के साथ रहते हैं और दुनिया कायदे से चल पा रही है।

पैसा कैसे कब आ जाए पुरुष के पास कोई ठिकाना नही। पैसा हो ,पैसा बना रहे ये सब किस्मत की बात। पुरुष की हैसियत उसके पर्स पर निर्भर। पैसा ही पुरुष को पुरुषोत्तम बनाता है। पैसा हो पास तो अकल अपने आप आ जाती है। पीछे पीछे दौड़ती है वो अमीर लोगों के। और बंदा अमीर हो तो ख़ूबसूरती के मामले मे भी गरीब नही रहता। और गरीब होते ही ख़ूबसूरती के मामले मे भी कंगाल हो जाता है।

पैसे की यही अनिश्चितता पुरुष को उन्नीस बनाती है महिलाओं की बनिस्बत। आदमी गरीब होने पर मर ही जाता है एकदम से जबकि खूबसूरत महिला पैदा होने के बाद से अपनी आखरी साँस तक हमेशा खूबसूरत बनी रहती है। यही वो मुद्दा है जिसके मद्देनजर औरतें हमेशा आदमियों पर भारी पड़ती हैं। और जब भी इन दोनो के बीच कोई जंग छिड़ती है ,फ़तह औरत के ही हाथ लगती है।

महिलाओं के लिए बस खूबसूरत होना ही काफी। पैसा और अकल दोनों ख़ूबसूरती की चेरी। शकल पहले दिखती है हमेशा और शकल देखने के बाद अक़्ल बाबत दरयाफ़्त करने की अकल बाकी नही रहती। खूबसूरत महिलाएं आमतौर पर अक़्लमंद होती ही ही हैं पर सारी अक़्लमंद औरतें खूबसूरत होंगी ही ये बात सीना ठोक कर नही कही जा सकती।

मालदार मर्द और खूबसूरत औरत चाहे मुस्कराए। चाहे आँखें ततेरे।लोगों को निहाल होना ही होता है। वे एक काम बताए दस लोग हाज़िर हो जाते है। वो जो चाहते हैं होता है। वो कुछ भी कहें उसे समझदारी की बात माना जाता है। उनसे सवाल नही किए जा सकते। उन्हें ना सुनने की आदत नही होती। पर यहां भी अमीरी पर ख़ूबसूरती भारी पड़ती है। अमीर आदमी पर हुकुम चलाने का इख्तियार उसकी खूबसूरत बीबी के पास होता है पर उसकी खूबसूरत बीबी को कोई भी हुक्म नही दे सकता।

अमीरी से मर्द को ठसक हासिल होती है और ख़ूबसूरती से औरतों को स्वाभिमान मिलता है ।जो इनसे महरूम रहते हैं वो इसे घमंड का दर्जा देकर अपना दिल जलाते हैं। कोई किस वजह से अमीर है ? कोई खूबसूरत क्यों हैं ? ये नेमतें किसी को क्यों हासिल होती है और कोई क्यों खाली हाथ रह जाता है ? ये बस ऊपर वाला जानता है। सो जिनके पास ये हैं उन्हें हैप्पी दिवाली। और जिनके पास ये नहीं उन तक हमारी दुआएँ पहुँचें।