‘किसानों’ ने मन भर किया ‘मोहन’ का इंतजार…

84

‘किसानों’ ने मन भर किया ‘मोहन’ का इंतजार…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

अवसर था केन-बेतवा लिंक परियोजना किसान सम्मेलन का। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को 22 दिसंबर 2024 को दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर निवाड़ी पहुंचना था। पर व्यस्तता के चलते वह 2 घंटा सात मिनट की देरी से यहां 3 बजकर 47 मिनट पर पहुंचे। पर उनका इंतजार कर रहे किसान कार्यक्रम स्थल से टस से मस नहीं हुए और प्रेम से मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरने की बाट जोहते रहे। स्क्रीन पर हेलीकॉप्टर उतरते दिखा तब इंतजार पूरा होने की बारी आई। सीएम ने पहुंचकर सबसे पहले ‘एक पेड़ मां के नाम’ रोपा और फिर मंच पर पहुंच गए। तनिक भी समय बर्बाद किए बिना मोहन जब मंच पर पहुंचे, तो किसानों का जी सा भर गया। चेहरा कमल की तरह खिल गया। अंततोगत्वा दो घंटे की जगह एक घंटा में कार्यक्रम पूरा होकर 4.50 बजे निवाड़ी ने डॉ. यादव के हैलीकॉप्टर को वापस आसमान के सुपुर्द कर जतारा किसान सम्मेलन के लिए रवाना कर दिया। वहां भी डेढ़ घंटे से किसान मोहन का इंतजार कर रहे थे। हालांकि डॉ. मोहन यादव जैसे ही आने में देरी पर माफी मांगते हैं, वैसे ही किसानों के चेहरे खिलखिला जाते हैं। मोहन की मजबूरी यह है कि स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं और सांझ ढले हेलीकॉप्टर उड़ने से इंकार कर देता है। इसलिए वक्त जो मोहलत देता है, उसमें ही मन भर इंतजार कर रहे किसानों का मन भरकर अगले गंतव्य स्थल पर रवाना हो जाते हैं।

वैसे एक साल के कार्यकाल के बाद सीएम भी निखर से गए हैं। अपने भाषण की शुरुआत में सबसे पहले देरी के लिए माफी मांगी और फिर राम, कृष्ण, महाकाल के जयकारे संग उपस्थित किसानों, महिलाओं और जनसमुदाय में जोश भर दिया। इस पर शिवाय-वैष्णवे नमः बोलकर भगवान के साथ राजनैतिक सुरों को भी संतृप्त कर दिया। तो दूसरे नजरिए से देखा जाए तो चुटकी भी ले ही ली। तो किसान सम्मेलन का मंतव्य प्रकट करते हुए कहा कि खजुराहो में अटल की जयंती पर 25 दिसंबर को आयोजित केन-बेतवा लिंक परियोजना के भूमिपूजन में इष्ट मित्रों सहित आने का न्यौता है।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आधुनिक भागीरथ हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश को समृद्ध और खुशहाल बनाने के लिये 2 बड़ी नदी जोड़ो परियोजनाएँ सौगात के रूप में दी हैं। इन परियोजनाओं से हर खेत को पानी और हर व्यक्ति को पेयजल उपलब्ध होगा। प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के संकल्प को पूरा करने छतरपुर जिले के खजुराहो आ रहे हैं। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिये मैं निवाड़ी जिले के सभी नागरिकों को आमंत्रित करता हूँ। खेतों में पानी यानि खेतों की जवानी लौटकर आना। केन-बेतवा परियोजना से निवाड़ी जिले के हर खेत में पानी और हर घर तक पेयजल की सुविधा मिलने के साथ पलायन भी रूकेगा और आने वाली पीढ़ी का भविष्य बेहतर बनेगा। “रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून, पानी गए न ऊबरे, मोती मानस चून’’ से पानी का महत्व बताते हुए कहा कि खेत को पानी मिलने पर अमृत रूपी फसल की पैदावार सुनिश्चित होती है। केन-बेतवा परियोजना के साकार रूप लेने पर बुन्देलखण्ड की तस्वीर एवं तकदीर बदलेगी। खेती का स्तर समृद्ध होने से किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी। पंजाब, हरियाणा से भी फसल उत्पादन में बुन्देलखण्ड आगे होगा। सलाह भी दी कि किसान किसी भी जरूरत पर अपनी खेती की जमीन न बेचें। केन-बेतवा परियोजना से पूरे बुंदेलखण्ड क्षेत्र में कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसान समृद्ध होंगे।

 

 

निवाड़ी में निवाड़ी और बुंदेलखंड की बात भी बताई कि प्रतिवर्ष एक अक्टूबर को धूमधाम के साथ निवाड़ी जिले के स्थापना दिवस को गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। प्रदेश सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर 11 से 26 दिसम्बर तक जन-कल्याण पर्व मनाया जा रहा है। इसकी शुरूआत गीता जयंती से की गई। भोपाल में 5 हजार से अधिक आचार्यों और बटुकों द्वारा गीता का सामूहिक पाठ कर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। इसी प्रकार अन्य जिलों में भी कार्यक्रम के माध्यम से पहली बार गीता जयंती का वृहद स्तर पर सफल आयोजन किया गया। इसके साथ ही आध्यात्म की बात कि जन्म के बाद कर्म योग, भक्ति योग एवं ज्ञान योग की त्रिवेणी से जीवन के आनंद का अलग ही महत्व है। ओरछा बुन्देलखण्ड की अयोध्या है। यहां रामराजा लोक बनने से धार्मिक पर्यटन बढ़ने के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बुन्देलखण्ड शौर्य एवं पराक्रम की भूमि रही है। बुन्देलखण्ड कभी भी गुलाम अथवा दासता में नहीं रहा।

फिर सरकार की बात कि हमारी सरकार गरीबों को साथ लेकर चलने वाली सरकार है। हमने जरूरतमंदों को उपचार के लिये हेलीकॉप्टर एवं एयर एम्बुलेंस की सेवा शुरू की हैं। पशुपालन को बढ़ावा देने के लिये दुग्ध-उत्पादकों को बोनस भी दिया जायेगा, इससे किसानों की आय बढ़ेगी। वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। राज्य सरकार की मंशा है कि हर हाथ को काम मिले, इसके लिये हमने औद्योगिकीकरण का अभियान चलाया है।

तो डॉ. मोहन यादव केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए जगह-जगह किसान सम्मेलन में पहुंचकर किसानों को प्रधानमंत्री मोदी की सभा में 25 दिसंबर 2024 को खजुराहो पहुंचने का न्यौता दे रहे हैं। किसान भी मन भर मोहन का इंतजार कर रहे हैं तो मोहन भी वक्त के मुताबिक मन भरकर ही किसानों से विदा लेते हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना बुंदलेखंड के लिए वरदान साबित होगी, ऐसी सोच बुंदेलखंडवासियों की भी बन रही है। हालांकि इंतजार कितना लंबा है, इसका किसानों को पता नहीं है। पर इंतजार करने का पूरा माद्दा बुंदेलखंड के किसानों में है…।