MP’s New Liquor Policy : प्रदेश की नई शराब नीति में अहातों पर फैसला, धर्मस्थलों के आसपास की दुकानें भी हटेगी!

जानिए, इस बार पुरानी नीति में क्या नया बदलाव किया गया!

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MP’s New Liquor Policy : प्रदेश की नई शराब नीति में अहातों पर फैसला, धर्मस्थलों के आसपास की दुकानें भी हटेगी!

Bhopal : प्रदेश की नई शराब नीति का फार्मूला तय कर लिया गया। अब इसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद जारी किया जाएगा। दुकानों के नवीनीकरण की जगह एकल दुकान नीलामी को प्राथमिकता देने की जानकारी मिली। इस बार ग्रामसभा की अनुमति से ही आदिवासी क्षेत्रों में दुकानें खोली जाएंगी। इसके अलावा धार्मिक स्थलों के पास स्थित कुछ दुकानों को बंद भी किया जाएगा।

सरकार इस बार शराब नीति में बदलाव करेगी। अभी तक सरकार दुकानों के समूह बनाकर नीलामी करती थी, लेकिन वर्ष 2025-26 के लिए एकल दुकान की नीलामी होगी। इससे प्रतिस्पर्धा होगी और सरकार का राजस्व बढ़ेगा। प्रदेश में 3,605 कंपोजिट शराब दुकानें हैं, जिन्हें 1,100 समूह बनाकर नीलाम किया गया था। तय किया गया है कि आदिवासी क्षेत्रों में ग्रामसभा की अनुमति से ही शराब दुकानें खोली जाएंगी। धार्मिक स्थलों के पास स्थित कुछ दुकानों को बंद भी किया जा सकता है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित नीति को जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत जाएगा है।

देसी और विदेशी शराब के लिए अलग-अलग दुकानों के स्थान पर कंपोजिट दुकान की व्यवस्था लागू की गई है। वार्षिक मूल्य 15% बढ़ाकर नवीनीकरण किया गया था। दुकानों के समूह बनाकर प्रक्रिया की गई थी, इसलिए अधिकतर दुकानें नवीनीकरण में चलीं गईं। जिनका नवीनीकरण नहीं हुआ, उन्हें वार्षिक मूल्य कम करके दे दिया गया। इस बार नवीनीकरण के स्थान पर एकल दुकान की नीलामी पर जोर रहेगा।

वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और नए लोगों को भी मौका मिलेगा। राजस्व भी अधिक आएगा। इससे पहले उमा भारती के समय 2003 में एकल दुकान नीलामी की व्यवस्था की गई थी।

बंद अहातों के बारे में भी फैसला 

वर्ष 2023 में शिवराज सरकार ने उमा भारती के दबाव में शराब दुकान के पास बने अहाते बंद करने का निर्णय लिया था। इसके पीछे तर्क यह था कि अहाते में बैठाकर शराब पिलाने से कानून व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है और झगड़े होते हैं। हालांकि, इस व्यवस्था को बंद करने के बाद दुकान के आसपास लोग शराब पीने लगे, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था का प्रावधान किया जा सकता है। संभावना है कि अहाते फिर शुरू किए जा सकते हैं।