Indore : नगर निगम अब पानी को चोरी रोकने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए निगम एक साल पहले पूरा हुए GIS (Global Information System) सर्वे की मदद लेगा। यह GIS सर्वे से संपत्तियों की जानकारी जुटाकर टैक्स वसूली के लिए कराया गया था। इसकी मदद से नगर निगम ने उन संपत्तियों को चिन्हित किया था जो खाली पड़ी हैं और उनका टैक्स नगर निगम को नहीं मिल पा रहा है।
अब इसी GIS सर्वे के आधार पर पानी के मीटर लगाए जाएंगे। यह सर्वे 2020 में पूरा हुआ था। इसी आधार पर नगर निगम संपत्ति कर वसूली (Property Tax Recovery) में जुटा हुआ है। इसके साथ ही अब पानी के लिए कनेक्शन देने का आधार भी GIS सर्वे होगा। इसी आधार पर घरों में मीटर लगाए जाएंगे। मीटर के जरिए पानी की खपत के आधार पर लोगों को भुगतान करना होगा।
मौजूदा व्यवस्था में 200 रुपए का स्थायी बिल का भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जाता है। मीटर लगने के यह व्यवस्था पूरी तरह से बदल जाएगी। मीटर में बनी रीडिंग के आधार पर पानी का बिल आएगा जिसका भुगतान उपभोक्ता को करना होगा। नगर निगम अप्रैल महीने से मीटर लगाने की शुरुआत कर सकता है।
पानी की चोरी का कारनामा
वर्तमान में एक घर में ही पानी के एक से ज्यादा कनेक्शन होने की बात सामने आई है। हैरानी वाली बात ये है कि इन कनेक्शन का डाटा नगर निगम के पास मौजूद नहीं है। क्योंकि, मुख्य पाइप लाइन में कट लगाकर ये कनेक्शन चोरी छुपे कर लिए गए हैं। ऐसे कनेक्शन को खत्म करने के लिए नगर निगम जीआईएस सर्वे के आधार पर घर-घर में पानी के मीटर लगाने की तैयारी कर रहा है।