Premanand’s padyatra Begins Again : विरोध के बाद बंद हुई प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा 10 दिन बाद बिना हल्ले के फिर शुरू!

अब पदयात्रा में कोई भी ध्वनि प्रदूषण और आतिशबाजी नहीं की गई!

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Premanand’s padyatra Begins Again : विरोध के बाद बंद हुई प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा 10 दिन बाद बिना हल्ले के फिर शुरू!

Mathura : वृंदावन के प्रमुख संत प्रेमानंद महाराज ने मंगलवार को 10 दिन बाद अपनी पदयात्रा फिर शुरू की। यह यात्रा श्री कृष्णा शरणम सोसायटी से शुरू होकर राधा केली कुंज के उनके आश्रम तक गई। पदयात्रा रात 2 बजे शुरू हुई, जिसमें महाराज के हजारों भक्तों ने भाग लिया। प्रेमानंद महाराज पिछले 40 साल से वृंदावन में निवास कर रहे हैं। पिछले पांच सालों से वे अपनी पदयात्रा रात्रि में श्री कृष्णा शरणम से राधा कुंज तक करते हैं।

यह यात्रा 2 किलोमीटर लंबी है और इस मार्ग में एक प्रमुख कॉलोनी, एनआरआई ग्रीन सोसाइटी पड़ती है। कुछ समय पहले इस सोसायटी के लोग इस यात्रा के दौरान होने वाली तेज आवाजों और आतिशबाजी का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि यात्रा के दौरान होने वाली आतिशबाजी और ध्वनि प्रदूषण से उन्हें काफी परेशानी हो रही थी।

6 फरवरी के बाद से इस यात्रा को इस विरोध के कारण रोक दिया गया था, जिससे भक्तों में चिंता और असंतोष का माहौल था। सोमवार को एनआरआई ग्रीन के अध्यक्ष आशु शर्मा ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की और कहा कि उनका विरोध केवल ध्वनि प्रदूषण और आतिशबाजी से था, न कि पूरी यात्रा से। उन्होंने महाराज से अनुरोध किया कि वे अपनी यात्रा जारी रखें। लेकिन, बिना ध्वनि प्रदूषण और आतिशबाजी के। इसके बाद मंगलवार को, 10 दिन बाद, महाराज जी ने अपनी पदयात्रा पुनः शुरू की।

 

इस बार यात्रा में कोई भी ध्वनि प्रदूषण और आतिशबाजी नहीं थी। श्रद्धालुओं ने इस यात्रा का स्वागत किया और उन्होंने इस निर्णय को सराहा। यात्रा रात्रि 2 बजे श्री कृष्णा शरणम से शुरू होकर राधा केली कुंज तक पहुंची। भक्तों ने जगह-जगह महाराज का स्वागत किया और खुशी जताई कि उनकी यात्रा फिर से शुरू हो गई। भक्तों ने कहा कि इस यात्रा के कारण वे हर दिन खुश और संतुष्ट रहते हैं, और वे चाहते हैं कि यह यात्रा हमेशा चलती रहे। भक्तों ने अपने श्रद्धा भाव से महाराज जी के दर्शन किए और उन्हें आशीर्वाद लिया। अब यात्रा फिर से शुरू होने से लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है और सभी ने इसका स्वागत किया।