
Uddhav Thackeray’s Interview : उद्धव ठाकरे ने BJP को दिखाए तेवर, कहा ‘महाराष्ट्र में ठाकरे सिर्फ ब्रांड नहीं, राज्य की पहचान भी!
Mumbai : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में निर्वाचन आयोग पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आयोग उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न जब्त कर सकता है, किसी और को दे सकता है। लेकिन, उनके दादा केशव ठाकरे और पिता व संस्थापक बाल ठाकरे की ओर से पार्टी को दिए गए नाम को किसी और को देने का आयोग को कोई अधिकार नहीं। शिवसेना-उद्धव बाला साहेब ठाकरे (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि ठाकरे सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, मराठी मानुष और हिंदू गौरव की पहचान हैं। लेकिन, कुछ लोग इस पहचान को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा ‘मराठी धरती में हमारी गहरी जड़ें कई पीढ़ियों पुरानी हैं। मराठी मानुष के साथ हमारे संबंध मेरे दादा और शिवसेना प्रमुख (बाल ठाकरे) के समय से ही मजबूत हैं। अब मैं यहां हूं, आदित्य ठाकरे यहां हैं और यहां तक कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे भी आ गए हैं।’ पार्टी नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत को दिए साक्षात्कार में उन्होंने जोर देकर कहा कि ठाकरे का मतलब निरंतर संघर्ष है। उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे एकजुट मोर्चा बनाने के लिए ‘ठाकरे ब्रांड’ का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ठाकरे ने इंटरव्यू में क्या कहा
शिवसेना प्रमुख ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ठाकरे महज एक ब्रांड नहीं है। यह मराठी मानुष, महाराष्ट्र और हिंदू गौरव की पहचान है। कुछ लोगों ने इस पहचान को मिटाने की कोशिश की है। कई लोग ऐसा करने आए और वे नष्ट हो गए। उद्धव ठाकरे भारतीय जनता पार्टी पर उनकी पार्टी को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाते रहे हैं और उन्होंने 2022 में शिवसेना में विभाजन के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि कुछ लोग ठाकरे ब्रांड को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि, वे नहीं चाहते कि उनके अलावा कोई और सत्ता में आए।

राजनीतिक बगावत का जिक्र
जून 2022 में एकनाथ शिंदे और पार्टी के 39 विधायकों की बगावत के बाद शिवसेना विभाजित हो गई थी, जिसके चलते उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। इसके बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले शिंदे मुख्यमंत्री बने थे। उद्धव ठाकरे ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (संघ) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन लोगों ने 100 साल पूरे करने के बावजूद कुछ भी नहीं बनाया या किसी भी क्षेत्र में कोई उदाहरण पेश नहीं किया, उन्होंने ठाकरे ब्रांड चुराना शुरू कर दिया है। उद्धव ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ भी चुराया जा सकता है लेकिन नाम कैसे चुराया जा सकता है?
निशाने पर चुनाव आयोग को लिया
उद्धव ठाकरे ने कहा कि आप किसी पार्टी का चुनाव चिह्न चुरा सकते हैं। लेकिन, आप परिवार के प्रति लोगों के प्यार व विश्वास को कैसे चुरा सकते हैं! उन्होंने निर्वाचन आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि वह उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं छीन सकता। क्योंकि, संविधान के अनुसार उनकी पार्टी ने कोई गलत काम नहीं किया। चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे धनुष-बाण चुनाव चिह्न इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। ठाकरे खेमे को शिवसेना (यूबीटी) नाम दिया गया है और उसने ‘मशाल’ को अपना चुनाव चिह्न घोषित किया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) की याचिका पर सुनवाई के लिए 11 अगस्त की तारीख तय की है। याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष की ओरक से एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को ‘धनुष और बाण’ चुनाव चिह्न दिए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है।





