MP News: कौन होगा कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष, पद पाने शुरू हुई जद्दोजहद

- विधानसभा चुनाव तक पद पर काबिज रहना चाहते हैं कमलनाथ, राह का रोड़ा बन सकती दिग्विजय, अजय, अरुण की तिकड़ी

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दिनेश निगम ‘त्यागी’ की विशेष रिपोर्ट

भोपाल: बीस अगस्त तक कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा के साथ इस पद के लिए जद्दोजहद शुरू हो गई है। मौजूदा अध्यक्ष कमलनाथ की कोशिश है कि वे 2023 के विधानसभा चुनाव तक पद पर काबिज रहें। इसके लिए उन्हें पार्टी की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी के समर्थन का भरोसा है। वरिष्ठ नेताओं दिग्विजय सिंह, अजय सिंह एवं अरुण यादव की तिकड़ी कमलनाथ की राह का रोड़ा बन सकती है। इन्हें उम्मीद है कि राहुल गांधी की मदद से ये कमलनाथ को एक पद से हटा लेंगे और यह पद प्रदेश अध्यक्ष का ही होगा। लिहाजा, कांग्रेस के अंदर दोनों ओर से योजना के साथ नए अध्यक्ष को लेकर लाबिंग, जोड़तोड़ का सिलसिला शुरू हो गया है। कमलनाथ, अजय सिंह, अरुण यादव के अलावा सज्जन सिंह वर्मा, विवेक तन्खा, बाला बच्चन, ओमकार सिंह मरकाम, जीतू पटवारी, राम निवास रावत के नाम प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार के रूप उभर रहे हैं।

0 वरिष्ठों को साधने में असफल रहे कमलनाथ
कमलनाथ कांग्रेस के वरिष्ठमत नेताओं में से एक हैं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस विधानसभा के पिछले चुनाव के बाद सत्ता में काबिज हुई थी। सत्ता मिलने के बाद कमलनाथ के खाते में असफलताएं ज्यादा दर्ज हुई हैं। सबसे खास यह कि वरिष्ठ होने के बावजूद वे पार्टी नेताओं को एकजुट नहीं रख पाए। इसके कारण पहले ज्योतरादित्य सिंधिया 19 विधायकों के साथ पार्टी छोड़ गए और सरकार गिर गई। कमलनाथ की कार्यशैली से नाराज होकर कुछ और विधायकों ने पार्टी छोड़ी। इससे कमलनाथ ने कोई सबक नहीं लिया और अब दिग्विजय सिंह, अजय सिंह एवं अरुण यादव जैसे नेताओं के उनसे नाराज होने की खबरें हैं। इस बीच विधानसभा के जितने भी उप चुनाव हुए उनमें कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा। यह खामी कमलनाथ के पद छोड़ने की वजह बन सकती है।

0 इनके बीच पक रही राजनीतिक खिचड़ी
कहने के लिए दिग्विजय सिंह को संगठन चुनाव से कोई लेना देना नहीं है और वे कमलनाथ के साथ हैं, लेकिन अजय सिंह एवं अरुण यादव के साथ मिलकर अंदर ही अंदर राजनीतिक खिचड़ी पकने की भी खबरें हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री निवास के सामने दिग्विजय सिंह के धरने के दौरान के वायरल एक वीडियो से सार्वजनिक हो चुका है कि दिग्विजय-कमलनाथ के संबंध अब पहले जैसे नहीं रहे। इसलिए यह तिकड़ी चाहती है कि कमलनाथ के स्थान पर कोई नया प्रदेश अध्यक्ष बनें। कोशिश अजय सिंह एवं अरुण यादव में से किसी एक को चुनने की है। अरुण यादव चूंकि एक बार अध्यक्ष रह चुके हैं, इसलिए इस बार अजय सिंह के ज्यादा लाबिंग हो रही है। अजय-अरुण पहले ही आपस में हाथ मिला चुके हैं। कोई व्यवधान आने पर ये ओमकार सिंह मरकाम, जीतू पटवारी जैसे किसी युवा पर दांव लगा सकते हैं।

0 तो कमलनाथ अपनी पसंद का अध्यक्ष चाहेंगे
पहले तो कमलनाथ की पूरी कोशश प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहने की है। इस मंशा के साथ वे विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर चुके हैं। बावजूद इसके यदि हालात ऐसे बने कि उन्हें अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा तो वे अपनी पसंद के किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में देखना चाहेंगे। उनकी ओर से विवेक तन्खा, सज्जन सिंह वर्मा, बाला बच्चन, कमलेश्वर पटेल जैसे किसी नेता का नाम आगे बढ़ाया जा सकता है। ज्यादा कोशिश विवेक तन्खा एवं सज्जन वर्मा में से किसी को पद दिलाने की हो सकती है। ऐसी स्थिति में कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष बने रहकर संगठन को अपने तरीके से चलाते रह सकते हैं।

0 राहुल गांधी की होगी मुख्य भूमिका
प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव राष्ट्रीय अध्यक्ष से एक माह पहले हो जाना है। कांग्रेस अध्यक्ष पद पर इस बार राहुल ्रगांधी का चुना जाना तय माना जा रहा है। साफ है कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में राहुल की इच्छा चलेगी, सोनिया गांधी की नहीं। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी मध्यप्रदेश में बदलाव चाहते हैं, इसलिए संभव है कि वे कमलनाथ के स्थान पर किसी अन्य नेता को संगठन का मुखिया बनाना चाहें। यदि ऐसा हुआ तो राहुल कैम्प के किसी युवा नेता को अवसर मिल सकता है। फिलहाल नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए 20 अगस्त तक का इंतजार करना होगा।