भूरिया से विवाद के बाद कांग्रेस से निकालने पर महेश पटेल ने कहा बिना नोटिस दिए पार्टी ने एक पक्षीय कार्यवाही की

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भोपाल: जोबट उपचुनाव के बाद अलीराजपुर जिले में कांग्रेस में तेज हुई गुटबाजी अब अपने चरम पर पहुंच गई है। प्रदेश कांग्रस के पूर्व अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया से विवाद के बाद प्रदेश कांग्रेस ने जोबट उपचुनाव में अपने प्रत्याशी महेश पटेल को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इधर महेश पटेल ने आरोप लगाया कि प्रदेश कांग्रेस ने एक पक्षीय कार्यवाही की है।

गुरुवार को कांतिलाल भूरिया और महेश पटेल के बीच हुए विवाद के बाद प्रदेश कांग्रेस के संगठन उपाध्यक्ष सीपी शेखर ने महेश पटेल को पार्टी से निष्कासित कर दिया। उन पर आरोप है कि उनके संरक्षण में अलीराजपुर क्षेत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ अत्यंत आपत्तिजनक व अनुचित व्यवहार किया गया है। पार्टी ने उनका यह आचरण कांग्रेस की रीति-नीति के विपरीत मानते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया।

बिना नोटिस दिये एक पक्षीय कार्यवाही का आरोप
अपने निष्कासन के बाद महेश पटेल ने कहा कि पार्टी ने एक पक्षीय कार्यवाही की है। उन्होंने न तो मुझे नोटिस दिया और ना ही मुझसे किसी ने बात की। अब मैं जल्द ही अपने समर्थकों से बातचीत करने के बाद आगे का निर्णय लूंगा।

यह है मामला
गौरतलब है कि गुरुवार को कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे एवं युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया की गाड़ी पर जोबट में हमला हुआ था। घटना के बाद जब कांतिलाल भूरिया थाने पहुंचे तो कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई। कांतिलाल भूरिया के थाने पहुंचने के साथ ही कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष महेश पटेल भी थाने पहुंचे और विक्रांत भूरिया पर अपने बेटे पुष्पराज पटेल के साथ मारपीट और एक अन्य युवक के अपहरण का आरोप लगाया। इससे पहले दिसंबर में जोबट विधानसभा का उपचुनाव हारने के बाद महेश पटेल ने कांतिलाल भूरिया पर हराने का आरोप लगाया था। यह आरोप उन्होंने पत्रकार वार्ता कर लगाया था। साथ ही सांसद जीएस डामारे पर फ्लोरोसिस नियंत्रण परियोजना में कार्यपालन यंत्री रहते 600 करोड़ रुपए के घोटाले में कांतिलाल भूरिया की भी मिली भगत के आरोप लगाए थे।