मुख्यमंत्री श्री चौहान करेंगे नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक

प्रदेश के किसानों के हित में निर्यात वृद्धि की रणनीति

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CM Shivraj Singh

भोपाल. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में सोमवार की शाम मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। श्री गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रूपए क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष “लोकल गोज ग्लोबल” दुनिया के लिए “मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।