हत्या कर मृतक का मोबाइल चुराया कुछ दिनों बाद आरोपी के सिम बदलने पर हत्यारा हो गया ट्रेस, हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास

साक्ष्य प्रमाणित नहीं होने पर एक महिला सहित 3 सहयोगी आरोपी दोषमुक्त

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रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

न्यायालय श्रीमान रूपेश शर्मा प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा फैसला सुनाते हुए अभियुक्त दिलीप पिता भगवान लाल भाटी को धारा 302/34 भादवि में आजीवन कारावास की सजा एवम 10 हजार रुपए अर्थदंड तथा धारा 201/34 भादवि में 7 वर्ष का कारावास एवं 5 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया तथा सहयोगी आरोपी सपना पिता उत्तम चौहान उम्र 30 वर्ष, अरविन्द पिता उत्तम उम्र 29 साल एवं उम्मेदाराम पिता दौलतराम उम्र 49 साल निवासी माननखेड़ा थाना रिंगनोद को दोषमुक्त किया गया।

मीडिया सेल प्रभारी ने बताया

मामले में सहायक अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी भूपेन्द्र कुमार सांगते ने बताया कि 30.मई.2018 को ग्राम माननखेडा के चौकीदार फरियादी जस्सुलाल पिता कनीराम बागरी ने चौकी ढोढर के चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक अमित कुशवाह को सूचना दी कि सुबह 8 बजे उसे गांव के रामलाल ने बताया कि गांव के कारूलाल के खेत में एक आदमी मृत अवस्था में पड़ा है।

जिसके चेहरे पर चोट होकर खून निकला है ऐसा लगता है कि उसकी मारकर हत्या की गई है और पहचान छुपाने के लिए चेहरा कुचल कर कुरूप कर दिया है, तब वह घटना स्थल कारूलाल के खेत पर गया, मृतक को देखा वह पहचान में नही आ रहा था।

तब मामले की सूचना पर चौकी प्रभारी अमित कुशवाह घटना स्थल कारूलाल के खेत ग्राम माननखेड़ा पहुॅंचा और चौकीदार जस्सुलाल की सूचना पर से 0x2018 धारा 302, 201 भादवि कि देहाती नालसी रिपोर्ट लेखबद्ध कर असल कायमी हेतु थाना रिगनोद भेजी गई।

थाने पर उक्त देहाती नालसी पर से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध असल प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं मर्ग पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।

दौराने विवेचना पुलिस द्वारा घटना स्थल पर मौजूद आवश्यक साक्ष्य संकलित कर अज्ञात मृतक के शव का पीएम करवाया जाकर शव के फोटोग्राफ उसके पहने गये कपड़े, चप्पल, घड़ी को जप्त किया जाकर अज्ञात मृतक के शव को दफनाया गया।

वहीं मृतक के फोटोग्राफ्स को पुलिस द्वारा व्हाट्सअप एवं आसपास के थानों पर पहचान हेतु भेजा गया था।

जिस पर से 12.जून.2018 को मृतक के परिजन पुलिस चौकी ढोढर आए जहां पर पुलिस ने मृतक के कपड़े, चप्पल एवं घड़ी के फोटोग्राफ दिखाए तो उन्होंने मृतक दिनेश पिता प्यारचंद नि. कनघट्टी थाना पिपल्या मंडी जिला मंदसौर के रूप में पहचान की और दिनेश के दिनांक 27.मई.2018 को सुबह घर से जाना बताते हुए नहीं आने पर गुमशुदगी रिपोर्ट थाना कोतवाली जिला मंदसौर पर दर्ज करवाया जाना बताया था।

मृतक के मोबाइल के आईएमईआई नंबर को सर्च किया गया तो उसमे जो सिम नंबर संचालित होना पाई गई उक्त सिम की जानकारी प्राप्त की तो वह सिम दिलीप बांछड़ा के नाम होना पाई जाने से पुलिस द्वारा दिलीप को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो दिलीप ने जानकारी दी कि दिनांक 28. मई.2018 को उसका दोस्त उम्मेदराम और उसने मृतक दिनेश गायरी के साथ शराब पी उसके पश्चात वह तीनों सपना पिता उत्तम बांछड़ा  के डेरे पर गए जहां पर दिनेश सपना से मिला उसके पश्चात सपना ने दिलीप व उम्मेदराम तथा उसके भाई अरविन्द को गुप्त रीति से बताया कि दिनेश के पास काफी पैसा है, तब सपना की बात पर विश्वास करके दिलीप उम्मेदराम व अरविन्द तीनों दिनेश को बातों में उलझा कर पैदल-पैदल ताऊ के ढाबे के पीछे स्थित खेतों में ले गए फिर उसे पैसे देने के लिए कहा दिनेश के द्वारा इंकार करने पर तीनों आरोपी गणों ने मिलकर पत्थर से दिनेश की हत्या करना व दिनेश की जेब से कुल 5200 रूपए व एक मोबाइल निकाल कर आपस में बांट लेना तथा मोबाइल आरोपी दिलीप ने रख लिया जाना कबूल किया। साथ ही मोबाइल में दिलीप द्वारा बाद में अपनी सिम डाल कर मोबाइल चालू करना बताया।

आरोपी दिलीप द्वारा दी गई उक्त जानकारी पर से आरोपी गण उम्मेदराम, अरविन्द व सपना को गिरफ्तार किया जाकर व उनसे मृतक की जेब से निकाली गई राशि जप्त की गई।

साथ ही आरोपी दिलीप से मृतक दिनेश का मोबाइल भी जप्त किया गया है। पुलिस ने मामले की पड़ताल कर अभियोग पत्र 27.जुलाई.2018 को विशेष न्यायालय में चारों आरोपीगण के विरूद्ध धारा 302, 201, 34 भादवि में पेश किया।

जहां न्यायालय में अभियोजन की और से कुल 20 साक्षियों में 19 साक्षियों को अपने समर्थन में परीक्षित कराया गया एवं घटना को प्रमाणित करने हेतु मौखिक, दस्तावेजी तथा लिखित बहस प्रस्तुत कर आरोपियों को आरोपित धाराओं में उल्लेखित अधिकतम दंड से दंडित किए जाने के तर्क प्रस्तुत किए गए।

मामले में न्यायालय द्वारा साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त दिलीप के विरूद्ध प्रमाणित पाते हुए उसे दोषसिद्ध किया गया तथा अन्य तीन आरोपी गण सपना, अरविन्द एवं उम्मेदराम के विरूद्ध साक्ष्य को प्रमाणित न पाते हुए उन्हे दोषमुक्त किया।

प्रकरण की सफल पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी विजय पारस जावरा जिला रतलाम द्वारा की गई।