Dariyani EOW Raid: पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति से T&CP में नौकरी शुरू की! दरयानी से जुड़े बिल्डरों पर भी कार्रवाई होगी?  

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इंदौर। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग (टी एंड सीपी) के मानचित्र विजय दरयानी की अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। उसने दफ्तर हाफ पेंट-टी शर्ट में जाना शुरू किया था।

जानकारों का कहना है कि EOW ने जो उसके यहां से जब्त किया, वो कुछ भी नहीं है। अभी उसकी बेनामी संपत्ति और संपत्ति के दस्तावेजों का खुलासा होना बाकी है।
कहा जा रहा है कि वो इस विभाग का प्रदेश का सबसे पैसे वाला कर्मचारी है। सिंधी बिल्डरों की कॉलोनी और प्रोजेक्ट में उसके कई फ्लैट और प्लॉट हैं। विजय के पिता भी इसी विभाग में थे। उनकी मौत के बाद 18-19 बरस की उम्र में उसकी नौकरी लगी थी। उस समय ये विभाग में सबसे कम उम्र का कर्मचारी था।

विभाग में रहते हुए इसने मान-चित्रकार की डिग्री हासिल की और यहां तक पहुंच गया। कालरा, चुघ, चावला, भाटिया आदि सिंधी लॉबी के सभी बिल्डरों से इसके रिश्ते रहे हैं। गोयल और जैन बिल्डर का भी खास है। इसने एमओएस, सड़क और मानचित्र में ‘जादूगरी’ करके बिल्डर, कालोनाइजरों से प्लॉट और फ्लैट लिए।

*जांच का विषय*
विजय दरयानी, गोयल बिल्डर की आशीष विहार कॉलोनी में रहता है। गोयल ने आसपास कई कॉलोनियां काटी हैं। ये भी जांच का विषय है कि जिस प्लॉट पर उसने मकान बनाया उसका पैसा कैसे चुकाया और प्लॉट किसके नाम है।

EOW उज्जैन के SP दिलीप सोनी पहले इंदौर लोकायुक्त में SP थे, तभी से विजय दरयानी पर उनकी निगाह थी, पर वे उसे सबूतों के साथ पकड़ नहीं पा रहे थे। दरयानी का तबादला देवास हुआ और सोनी उज्जैन SP बनें तो बारीकी से जानकारी जुटाकर छापामार कार्रवाई की। समझा जा रहा है कि दरयानी से जुड़े बिल्डरों पर भी कार्रवाई होगी।

*काले बेग की आड़ में*
विजय दरयानी के पास बिचौली, निपानिया और लसूड़िया का महंगा इलाका था। ये शहर का सबसे महंगा इलाका है। जाहिर है यहां इसे नक्शा पास करवाने के एवज में मोटी राशि मिलती थी। दरयानी दुस्साहसी इतना था कि ऑफिस में बड़ा काला बैग लेकर आता था। इंदौर ऑफिस के बगल में ही स्टेशनरी की दुकान थी, जहां इसकी फाइलें रखी रहती थी। निजी ड्राइवर राजू घर से फाइलें लाने-ले जाने का काम करता था। इसने एवजी टाइपिस्ट भी रखा था।

*बहरूपिया दरयानी*
आईडीए, लोकायुक्त, EOW या फिर किसी बड़े अफसर के दफ्तर जाता था तो साधारण कपड़े पहनता था। शर्ट ओपन रखता था और पैरों में चप्पल रहती थी। इसे देखकर कोई सोच भी नहीं सकता था कि ये टी एंड सीपी का प्रदेश का सबसे पैसे वाला कर्मचारी है।