New Delhi : राजस्थान के उदयपुर में हुई टेलर कन्हैयालाल की नृशंस हत्या की जांच गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी है। गृह मंत्रालय कार्यालय (HMO) ने ट्वीट करके बताया है कि इस मामले की जांच NIA को सौंपी गई है। मंत्रालय ने ट्वीट किया ‘MHA ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को राजस्थान के उदयपुर में कल (28 जून) हुई कन्हैयालाल तेली की नृशंस हत्या की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया है!’
सरकारी सूत्रों के अनुसार, NIA की टीम गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करेगी। यह घटना उदयपुर के मालदास इलाके की है। पुलिस ने कहा कि अपराध करने के तुरंत बाद दोनों आरोपियों ने सिर काटे जाने की शेखी बघारते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जान से मारने की धमकी दी।
घटना के कुछ घंटों के भीतर ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उदयपुर हत्याकांड की जांच को लेकर केंद्र सरकार ने कहा कि मामले की जांच आतंकवाद के एंगल से भी होगी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने आतंकवाद-रोधी एजेंसी NIA को जांच सौंपी है।
कैमरे में दिखाई देने वाले दोनों हत्यारे गौस मोहम्मद और रियाज अख्तरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले राज्य सरकार ने प्रफुल्ल कुमार के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल (SIT) को घटना की जांच के लिए कहा था। प्रफुल्ल कुमार ने कहा था कि हम जांच कर रहे हैं कि क्या घटना में कोई आतंकी पहलू शामिल था या नहीं! हत्या से पहले कन्हैयालाल ने पुलिस से धमकी भरे कॉल आने की शिकायत की थी। लेकिन, पुलिस ने कोई खास कार्रवाई नहीं की।
MHA has directed the National Investigation Agency (NIA) to take over the investigation of the brutal murder of Shri Kanhaiya Lal Teli committed at Udaipur, Rajasthan yesterday.
The involvement of any organisation and international links will be thoroughly investigated.
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) June 29, 2022
हाई लेवल मीटिंग
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि उदयपुर की घटना पर आज उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि घटना प्रथम दृष्टया आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई है। दोनों आरोपियों के दूसरे देशों में भी संपर्क होने की जानकारी सामने आई है। इस घटना में मुकदमा UAPA के तहत दर्ज किया गया, इसलिए अब आगे की जांच NIA द्वारा की जाएगी, जिसमें राजस्थान ATS पूर्ण सहयोग करेगी। पुलिस एवं प्रशासन पूरे राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करें एवं उपद्रव करने के प्रयासों पर सख्ती से कार्रवाई करें।