नई पहचान बनाता मध्यप्रदेश

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नई पहचान बनाता मध्यप्रदेश

नई पहचान बनाता मध्यप्रदेश

श्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में सर्वाधिक समय मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते हुए विशेष पहचान स्थापित कर चुके हैं। मध्यप्रदेश भी नई पहचान बना रहा है। उन्होंने अपने प्रत्येक कार्यकाल में कुछ यादगार कार्य किए हैं, जो मध्यप्रदेश को विकास के क्षेत्र में उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करने के माध्यम के रूप में सामने आए हैं।

मध्यप्रदेश में पिछले दो दशक से श्री चौहान सबसे अधिक लोकप्रिय राजनेता के रूप में जाने जाते हैं। इसके पीछे उनका कठोर परिश्रम, स्व-अनुशासन, परोपकार का भाव, करूणा से ओत-प्रोत व्यक्तित्व और राग-द्वेष के बिना हर तबके की भलाई के लिए तेजी से कार्य करने की विशिष्ट शैली प्रमुख है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 30 अक्टूबर 2022 को केरल के कोल्लम में अमृतपुरी आश्रम में आनंदमयी माता की उपस्थिति में बहुत महत्वपूर्ण बात कही। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकारें विकास के लिए बहुत पैसा खर्च करती हैं। योजनाओं के अमल में यदि करूणा का भाव भी शामिल हो तो दुनिया स्वर्ग बन जाएगी। पूरी दुनिया स्वर्ग बने या नहीं, मध्यप्रदेश के एक कोने से परोपकार, प्रेम,सदभाव और करूणा के प्रकल्प शुरू होकर किस तरह आकार लेते हैं और प्रदेश में उनका विस्तार हो जाता है, यह मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हर दिन एक पौधा लगाने के कार्य से देखा समझा जा सकता है।

सोचते ही नहीं, प्रयत्न भी करते हैं
मुख्यमंत्री श्री चौहान जो सोचते, विचारते हैं, उसे पूर्ण करने के लिए उतने ही प्रयत्न भी करते हैं। वे इस बात को प्राथमिकता देते हैं कि कार्य की शुरूआत से कार्य के पूर्ण होने के मध्य निरंतर अनुश्रवण होता रहे । उदाहरण के तौर पर मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री बनते ही प्रयत्न प्रारंभ कर दिए थे। मध्यप्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों के विकास की व्यापक संभावनाओं को साकार करने के लिए उद्योगपतियों से सतत सम्पर्क आवश्यक था। इसके लिए की गईं इन्वेस्टर्स समिटस बहुत लाभकारी सिद्ध हुईं। मध्यप्रदेश में न सिर्फ नया निवेश आया बल्कि लाखों नौजवानों को रोजगार भी मिला। प्रदेश की प्रतिभा का पलायन भी रूका। उद्योगों के विकास से सम्पूर्ण अधोसंरचना के विकास का कार्य आसान हुआ और प्रदेश की तस्वीर को बदलने में सफलता मिली। एक लाख सरकारी पदों को भरने की प्रकिया शुरू हुई है। नए निवेश से औद्योगिक इकाईयों में युवाओं को रोजगार मिल रहा है।

सभी पारियों में सक्रिय रहे हैं, मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री के रूप में श्री चौहान के विभिन्न कार्यकालों पर नजर डालें तो हम पाते हैं कि वे सभी कार्यकालों में सक्रिय रहे हैं। प्रथम कार्यकाल उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, विद्यार्थियों को विद्यालय जाने के‍लिए सायकिल प्रदाय जैसे कल्याणकारी कार्य प्रारंभ किये। बुनियादी क्षेत्रों में सुविधाएँ बढ़ाने की ठोस पहल की गई। श्री चौहान का मुख्यमंत्री पद का पहला कार्यकाल तीन वर्ष का था। द्वितीय और तृतीय कार्यकाल पाँच-पाँच वर्ष के रहे। इन दस वर्षों में मध्यप्रदेश ने विकास के नये आयाम छुए। वर्ष 2020 में जब मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बागडोर संभाली तो सबसे बड़ी चुनौती कोरोना नियंत्रण की थी। इसमें कामयाबी भी प्राप्त हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्रयासों को नई गति प्रदान कर दी। कोरोना काल में मंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाई गई। अर्थ व्यवस्था फिर पटरी पर लौटी। आत्म निर्भर मध्यप्रदेश के लिए बनाए गए रोड मेप को जमीन पर उतारने का काम तेजी से हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की पहल से हाल ही में हिन्दी का सम्मान बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश में ठोस प्रयास हुए हैं।

सुशासन और सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में कामयाबी
मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के भरपूर इस्तेमाल से नागरिकों का हित संवर्धन सुनिश्चित किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना संकट के समय इतनी बड़ी समस्या को सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से समाधान में बदलने का प्रयास किया। आपदा को अवसर में बदला। अनेक वर्गों के लिए सरकार का खजाना खोल दिया गया। कई तरह की राहत दी गईं। किसानों, विद्यार्थियों और श्रमिकों को योजनाओं का पैसा ऑनलाइन अंतरित किया गया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दृढ़ इरादों का परिचय दिया। उनका संकल्प एक-एक नागरिक की जीवन-रक्षा करने और लड़खड़ाई अर्थ-व्यवस्था को संभालने का था। इन कार्यों के लिए जिस मजबूत संकल्प की आवश्यता थी,उसका परिचय शिवराज जी ने दिया। जहाँ राशि की व्यवस्था नहीं थी, वहाँ उपायों पर क्रियान्वयन करते हुए रास्ता निकाला। सुशासन की सोच ने इन प्रयासों को सफल बनाया।

विभिन्न कार्यकाल और मुख्यमंत्री श्री चौहान का सेक्टोरियल फोकस
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हर पारी जी जान से खेली है। वे मुख्यमंत्री के पद को सेवा का माध्यम मानते हैं। श्री चौहान जब विधायक और सांसद थे, उन 15-16 सालों और मुख्यमंत्री के रूप में 16 सालों को जोड़ें तो उनके जन-कल्याणकारी कार्यों की लंबी फेहरिस्त बन जाएगी। विकास के हर सेक्टर पर ध्यान दिया गया है। यदि सिर्फ मुख्यमंत्री के कार्यकाल की चर्चा करें तो यह बात स्पष्ट तौर पर सामने आती है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बुनियादी क्षेत्रों के विकास को सदैव केन्द्र में रखा है। जहाँ श्री चौहान ने प्रथम कार्यकाल में सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी, वहीं द्वितीय कार्यकाल में सिंचाई बढ़ाने का कार्य प्रमुखता से किया गया। इसके पश्चात तृतीय कार्यकाल में विद्युत उत्पादन बढ़ाने और उसके सुचारु प्रदाय पर ध्यान दिया गया। मार्च 2020 से प्रारंभ कार्यकाल में श्री चौहान ने स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल की सुविधाएँ तेजी से बढ़ाने का निश्चय किया । इसके क्रियान्वयन पर भी ध्यान दिया गया। श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद मध्यप्रदेश में धार्मिक आध्यात्मिक पर्यटन को नया आयाम मिला है। ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की प्रतिमा और अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना का कार्य साकार होने पर मध्यप्रदेश को विशिष्ट पहचान दे देगा।